Saturday, December 21, 2024
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Punjab: पंजाब में दिनदहाड़े पुलिस थाने पर कब्ज़ा, खालिस्तान समर्थक की गिरफ्तारी पर बवाल, जानिए क्यों जनता पूछ रही मान सरकार से सवाल

गोल्डन टेंपल यानि स्वर्ण मंदिर के लिए मशहूर अमृतसर शहर खालिस्तान समर्थक को बचाने के लिए हुए हंगामे का गवाह बना। पंजाब में खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने अमृतसर के अजनाला में जमकर हंगामा किया। दरअसल, पुलिस ने अमृतपाल सिंह के साथी लवप्रीत तूफान को गिरफ्तार कर लिया था। इसी के विरोध में हजारों की संख्या में अमृतपाल सिंह के समर्थक अमृतसर के अजनाला थाने के बाहर जमा हुए थे। लेकिन देखते ही देखते भीड़ बेकाबू हो गई। तलवारों और डंडों से लैस अमृतपाल के समर्थकों ने हंगामा मचाना शुरु कर दिया। तलवार से थाने के बाहर पुलिसवालों पर हमला भी किया गया। हालांकि, पुलिस ने उपद्रवियों को रोकने के लिए बैरीकेड लगाए थे। लेकिन, अमृतपाल के समर्थक उसे तोड़कर थाने के अंदर घुस गए। तलवार और डंडों के साथ थाने पर कब्जा कर लिया। अमृतपाल के समर्थकों ने कुछ पुलिसवालों के साथ बुरी तरह मारपीट भी की। जिसके बाद पुलिस के लोग अपनी जान बचाकर भागते नज़र आए। थाने के अंदर अमृतपाल के समर्थक बंदूक और गोलियों से लैस दिखे।

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की पुलिस को धमकी

अमृतपाल सिंह और उसके साथी लवप्रीत तूफान पर मारपीट के आरोप के तहत अमृतसर के अजनाला थाने में ही FIR दर्ज की गई है। लेकिन हिम्मत देखिए, खालिस्तान समर्थक अमृतपाल ने पुलिस को ही धमकी दे दी। अपने समर्थकों के साथ मीडिया के सामने आए अमृतपाल सिंह ने कहा है कि अगर उसके साथी को पुलिस नहीं छोड़ती, और केस खत्म नहीं करती, तो आगे जो कुछ भी होगा उसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा। अमृतपाल सिंह ने कहा है कि, उसके साथी के ऊपर बस राजनीतिक मकसद से केस दर्ज किया गया। अमृतपाल ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम पुलिस को दिखाने आए हैं कि हम क्या कर सकते हैं। अजनाला पुलिस थाने में अमृतपाल, उसके साथी लवप्रीत तूफान समेत कुल 30 लोगों के खिलाफ कथित रूप से एक शख्स को अगवा कर पिटाई करने के आरोप में मामला दर्ज है।

अमृतपाल सिंह के दबाव में झुक गई मान सरकार!

अमृतपाल सिंह का दबाव काम आता दिख रहा है। पुलिस ने कल उसके साथी लवप्रीत तूफान सिंह को रिहा करने का ऐलान किया है। पुलिस ने कहा कि अमृतपाल सिंह ने इस बात के सबूत पेश किए हैं उसके मुताबिक तूफान सिंह घटना स्थल पर नहीं था। अब इस मामले की जांच SIT करेगी। एसएसपी ने जांच के लिए तीन सदस्यों की SIT बनाई है। लेकिन, सवाल ये है कि उग्र भीड़ ने जिस तरह थाने पर कब्ज़ा किया, जिस तरह पुलिस के लोगों को पीटा, जिस तरह एक खालिस्तान समर्थक के लिए कानून को ठेंगे पर रखा, क्या ये सही है। क्या पंजाब जैसे बॉर्डर स्टेट के लिए ये घटना खतरे का अलार्म नहीं है। और सबसे बड़ा सवाल ये कि पंजाब की भगवंत मान सरकार क्या कर रही है, कार्रवाई की जगह अपराधियों को रियायत क्यों दे रही है।

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