संदेशखाली का खलनायक शाहजहां शेख अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है। कोई कह रहा है कि वो पश्चिम बंगाल (West Bengal) में ही कहीं छिपा है। तो कोई कह रहा है कि वो बांग्लादेश (Bangladesh) भाग गया। लेकिन, ED यानि प्रवर्तन निदेशालय ने TMC नेता शाहजहां शेख की अग्रिम ज़मानत की याचिका के खिलाफ कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि, ''अगर उसे अग्रिम जमानत मिल जाएगी, तो वो लंदन भाग सकता है। ईडी के वकील ने तर्क भी दिया कि शाहजहां शेख बहुत प्रभावशाली है। ईडी और CRPF कर्मियों पर हमला शुरू करने के लिए केवल 15 मिनट के अंदर उसने लगभग 3 हज़ार लोगों की भीड़ जुटा ली थी। उसके मोबाइल लोकेशन से पता चला कि वो उस वक्त अपने घर पर ही था और हमला उसके सामने हुआ था।'' वहीं आरोपी शाहजहां शेख के वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल जांच में पूरा सहयोग देने के लिए तैयार है, बशर्ते उसे जबरन कार्रवाई न किए जाने का भरोसा मिले। जिसके बाद जज ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
संदेशखाली का खलनायक शाहजहां बांग्लादेश में छिपा है?
संदेशखाली का डॉन कहे जाने वाला शाहजहां शेख मतस्य पालन और ईंट भट्टों का कारोबार चलाता है। हालांकि, इन कारोबार के साथ-साथ वो 2004 में यूनियन का नेता बन गया। राजनीतिक जान पहचान बढ़ने के साथ ही CPM में शामिल हो गया। लेकिन, 2011 में शाहजहां शेख TMC में शामिल हुआ और मौजूदा समय में संदेशखाली का MLC है। कहा जाता है कि, TMC में शामिल होने के बाद शाहजहां शेख पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का करीबी बन गया। आरोप है कि ज्योतिप्रिय के खाद्य मंत्री रहते हुए शाहजहां ने उनके साथ मिलकर राशन घोटाले में अहम भूमिका निभाई। यही वजह है कि 5 जनवरी को ED उसके घर पर छापेमारी के लिए पहुंची थी, जहां ED और CRPF कर्मियों पर उसके गुर्गों ने हमला कर दिया था। तब से लेकर अबतक TMC नेता शाहजहां शेख फरार चल रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि वो अभी बांग्लादेश में है। कहा जाता है कि उसका व्यापार भारत ही नहीं बल्कि बांग्लादेश तक फैला हुआ है। यही नहीं, बांग्लादेश में भी उसने घर और अच्छी खासी संपत्ति बना ली है।
संदेशखाली में पुलिस कैंप और NHRC की टीम का दौरा
एक तरफ शाहजहां शेख फरार है, तो वहीं दूसरी तरफ संदेशखाली में उसके खिलाफ लोगों का आक्रोश चरम पर है। संदेशखाली की जनता उसे गिरफ्तार करने की मांग कर रही है। उसके अत्याचार का शिकार बनीं महिलाएं सड़क पर आंदोलन कर रही हैं। लिहाज़ा, NHRC यानि नेशनल ह्यूमन राइट्स कमिशन ऑफ इंडिया की एक टीम लगातार दूसरे उत्तर 24 परगना स्थित संदेशखाली पहुंची। दूसरी तरफ पुलिस ने संदेशखाली में कैंप लगाया, जहां लोगों की शिकायतें दर्ज की जा रही हैं और कार्रवाई का भरोसा दिया जा रहा है।
लोकसभा चुनाव में गूंजेगा संदेशखाली का मुद्दा
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee)
बुरी तरह से घिर गई हैं। लोकसभा चुनावों से पहले महिलाओं के यौन शोषण के मामले ने फ्रंटफुट पर खेलने वाली दीदी को बैकफुट पर धकेल दिया है। राज्य में जहां बीजेपी इस मुद्दे पर आक्रामक है, तो वहीं दूसरी ओर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के पश्चिम बंगाल दौरे का कार्यक्रम सामने आ गया है। पीएम मोदी 1 और 2 मार्च के अलावा 6 मार्च को पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे। एक और दो मार्च को वो आरामबाग और कृष्णानगर में जनसभाएं करेंगे। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी उत्तर 24 परगना जिले के मुख्यालय बारासात की अपनी यात्रा के दौरान कुछ शिकायतकर्ताओं से मुलाकात कर सकते हैं। जबकि, 6 मार्च को वो उत्तर 24 परगना जिले में महिलाओं की एक रैली को संबोधित कर सकते हैं। पीएम मोदी बंगाल जाएंगे और संदेशखाली का मुद्दा नहीं उठाएंगे ऐसा हो नहीं सकता। लिहाज़ा, ममता बनर्जी ने भी इसकी काट तलाशनी शुरु कर दी है। बताया जा रहा है कि मार्च के पहले या दूसरे हफ्ते में उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी भी संदेशखाली का दौरा कर सकते हैं।