BIHAR: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ बुधवार को यहां एक अदालत में उनकी कथित टिप्पणी को लेकर एक आपराधिक मानहानि शिकायत दायर की गई थी। आरोपों के मुताबिक तेजस्वी यादव ने 21 मार्च को पटना (Patna) में मीडिया के सामने कहा था कि “मौजूदा स्थिति में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं”। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता और व्यवसायी हरेश मेहता ने IPC की धारा 499 और 500 (आपराधिक मानहानि से निपटने) के तहत अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट डीजे परमार की अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। मेहता के वकील पीआर पटेल ने कहा कि, ”हमने बयान के साथ एक पेन ड्राइव के रूप में सबूत के साथ शिकायत जमा की है। अदालत ने शिकायत स्वीकार कर ली है और एक मई को इसका सत्यापन करेगी।”
गुजरातियों पर तेजस्वी ने क्या दिया था विवादित बयान ?
बिहार (Bihar) के डिप्टी सीएम ने कथित तौर पर कहा था कि, “वर्तमान स्थिति में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं, और उनकी धोखाधड़ी (अपराध) को माफ कर दिया जाएगा। यदि वो LIC या बैंकों से पैसे लेकर भाग गए तो कौन जिम्मेदार होगा?” शिकायतकर्ता ने कहा कि मीडिया के सामने पूरे गुजराती समुदाय को ‘ठग’ कहने वाला बयान दिया गया था। ये सार्वजनिक रूप से सभी गुजरातियों को बदनाम और अपमानित करता है। तेजस्वी यादव के खिलाफ समन जारी करने और उसके लिए अधिकतम सजा की मांग करते हुए मेहता ने कहा कि एक कानून में ठग, एक बदमाश, धूर्त और अपराधी व्यक्ति है और पूरे समुदाय के साथ इस तरह की तुलना गैर-गुजराती लोगों को गुजरातियों को संदेह की नजर से देखने का कारण बनेगी।
क्या तेजस्वी को भी मिलेगी जेल की सज़ा ?
शिकायतकर्ता ने कहा कि वो भी एक गुजराती हैं और जब उन्हें एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर खबर मिली तो उसने महसूस किया कि इस तरह के मानहानिकारक बयान से राज्य के निवासी को एक ‘ठग’ के रूप में देखा जाएगा। गौरतलब है कि मार्च में गुजरात के सूरत शहर की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी “मोदी उपनाम” टिप्पणी पर दोषी ठहराया और दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। दोषी ठहराए जाने के बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी लोकसभा सदस्यता खो दी। वहीं अहमदाबाद की एक अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को उनकी टिप्पणी को लेकर गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर एक आपराधिक मानहानि मामले में समन जारी किया है।