Thursday, November 21, 2024
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PM Modi in Bengal: ‘TMC का मतलब है तू, मैं और करप्शन’, नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी को घेरा, बोले…बंगाल में है जंगलराज।

पश्चिम बंगाल (West Bengal) इन दिनों जैसे देश की राजनीति का एपिसेंटर बन गया है। भारत की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी (BJP)  पश्चिम बंगाल (West Bengal) की 42 सीटों में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के लिए ज़ोर लगा रही है। जबकि, प्रदेश की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस (TMC) अपना गढ़ बचाने के साथ लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में बीजेपी का अंकगणित बिगाड़ने की जुगत भिड़ा रही है। लेकिन, संदेशखाली (Sandeshkhali) में महिलाओं के यौन उत्पीड़न (sexual harassment) और ज़मीन हड़पने के मामले ने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को परेशान कर रखा है। ऊपर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का बंगाल दौरा टीएमसी के लिए मुसीबतें खड़ी कर रहा है। 
आज (शनिवार) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के कृष्णा नगर (Krishna Nagar) में रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने टीएमसी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने जनता को टीएमसी के नाम का असली मतलब बताया। पीएम मोदी ने कहा कि, ''अब TMC का मतलब...तू, मैं और करप्शन है।'' (Meaning of TMC...you, me and corruption)
उन्होंने कहा कि, ''ममता बनर्जी की सरकार ने पश्चिम बंगाल के नाम को खराब किया है। हर तरह की योजना में यहां घोटाले देखने को मिलते हैं। योजनाएं हमारी होती हैं लेकिन वो उनपर अपना स्टीकर लगा देते हैं। गरीबों का हक छीनने से भी वो नहीं हिचकिचाते।'' संदेशखाली मामले पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, ''बंगाल में तो ये स्थिति है कि यहां पुलिस नहीं, बल्कि अपराधी ये तय करते हैं कि उन्हें कब सरेंडर करना है और कब गिरफ्तार होना है।''
एक तरफ तो पीएम मोदी ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वहीं दूसरी तरफ कुणाल घोष (Kunal Ghosh) ने भी TMC से इस्तीफा दे दिया है। बड़ी बात ये है कि कुणाल घोष ने सुदीप बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने ED और CBI से मांग की है कि सुदीप बनर्जी के बैंक खातों की जांच कराई जाए। हालांकि, कहा ये जा रहा है कि सुदीप बनर्जी ने 10 मार्च को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में जन गर्जना रैली को लेकर गुरुवार की रात पार्टी नेताओं की एक बैठक बुलाई था लेकिन उसमें कुणाल घोष को न्योता नहीं मिला था। इस वजह से वो सुदीप बनर्जी से नाराज हो गए। लेकिन, इसके बावजूद कुणाल घोष का टीएमसी से अलग होना दीदी के लिए अच्छी खबर तो नहीं क्योंकि कुणाल टीएमसी के बेहतरीन प्रवक्ताओं में से एक थे। वो हर मंच पर बड़ी ही बेबाकी के साथ TMC का पक्ष रखते थे। 
कुणाल घोष (फाइल फोटो)

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