तुर्किए और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद मलबे से ज़िंदगियों की तलाश की जा रही है। मंगलवार को दोनों देशों में कुल मिलाकर 5,102 लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है, और हजारों लोग घायल हुए हैं। सोमवार को तुर्किए के दक्षिणी क्षेत्रों में 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के तीन विनाशकारी भूकंप आए थे, जिससे तुर्किए और पड़ोसी सीरिया में व्यापक विनाश हुआ। मंगलवार को 5.6 तीव्रता वाल एक और भूकंप आया। कई आफ्टरशॉक्स भी आए हैं। तुर्किए ने सात दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। इस बीच, राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने विनाशकारी भूकंप से प्रभावित 10 प्रांतों को आपदा क्षेत्र घोषित किया है, जिससे क्षेत्र में तीन महीने के लिए आपातकाल की स्थिति लागू हो गई है।
रेस्क्यू ऑपरेशन पर मौसम की मार
तुर्किए में बचावकर्मी भारी बारिश और हिमपात से जूझ रहे हैं। जबकि, इस सप्ताह के अंत में तापमान हिमांक से नीचे गिरने की उम्मीद है। अदाना शहर में रात भर भारी मशीनरी काम करती रही, रोशनी के साथ ढह गई इमारतें और कंक्रीट के बड़े स्लैब हटाकर ज़िंदा बचे लोगों और लाशों को बाहर निकालने का काम जारी है। अदाना बेघरों से भरा हुआ है। लोगों ने अपने घरों को खो दिया है और दूसरे लोग भी आफ्टरशॉक्स के लौटने से डरे हुए हैं। लोगों के पास जूते, कोट और फोन चार्जर नहीं हैं।
वैज्ञानिकों ने बताया कैसे आया भूकंप
शोधकर्ताओं के मुताबिक तुर्किए में भूकंप एक स्ट्राइक-स्लिप भूकंप था, जहां दो टेक्टोनिक प्लेटें एक-दूसरे से क्षैतिज रूप से फिसलती हैं। मिसौरी विश्वविद्यालय के एक भूकम्पविज्ञानी एरिक सैंडवोल ने कहा, “पृथ्वी अलग-अलग टुकड़ों में बंटी हुई है, एक पहेली की तरह। वो टुकड़े फॉल्ट लाइन पर मिलते हैं, जहां प्लेटें आमतौर पर एक-दूसरे के खिलाफ धीरे-धीरे पीसती हैं। लेकिन एक बार जब पर्याप्त तनाव बढ़ जाता है, तो वो बड़ी मात्रा में ऊर्जा जारी करते हुए एक-दूसरे को तेजी से पार कर सकते हैं।” शोधकर्ता के मुताबिक, इस मामले में एक प्लेट पश्चिम की ओर चली गई, जबकि दूसरी पूर्व की ओर चली गई।
भारत की मदद पर भावुक हुआ तुर्किए
भारत ने NDRF खोज और बचाव दल, विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड, चिकित्सा आपूर्ति, ड्रिलिंग मशीन और अन्य उपकरण तुर्किए भेजे हैं। भारत में तुर्किए के राजदूत फिरत सुनेल ने पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए लिखा कि, मुसीबत के समय दोस्त ही साथ देता है। तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि, भारत समेत 70 देशों ने खोज और बचाव कार्यों में मदद की पेशकश की थी और तुर्की ने भूकंप से प्रभावित लोगों को अस्थायी रूप से आवास देने के लिए, पश्चिम में एंटाल्या के पर्यटन केंद्र में होटल खोलने की योजना बनाई थी। उन्होंने कहा कि तुर्किए में भूकंप से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी चेतावनी दी है कि मरने वालों की संख्या नाटकीय रूप से बढ़ सकती है क्योंकि बचावकर्ताओं को और पीड़ितों का पता चला है।