Thursday, November 21, 2024
HomeविदेशCheater China exposed: मैक्रों के चीन दौरे पर खुल गयी ड्रैगन की...

Cheater China exposed: मैक्रों के चीन दौरे पर खुल गयी ड्रैगन की पोल, सामने आई जिनपिंग की चालबाज़ी, जानिए क्या है चीन का प्लान

चीन ना सिर्फ एक धूर्त देश है, बल्कि धोखेबाज़ भी है। वो कहता कुछ है और करता कुछ। इसका एक उदाहरण तब देखने को मिली जब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों तीन दिन के चीन दौरे पर बीजिंग पहुंचे। मैक्रों ने शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा की। उन्होंने शी जिनपिंग से युद्ध रुकवाने की अपील भी की। जिसके जवाब में जिनपिंग ने कहा कि वो अपनी तरफ से बारे में पूरी कोशिश कर रहे हैं। दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों की चर्चा में मैक्रों ने युद्ध में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर भी बातचीत की। जिसके बाद चीन ने कहा कि वो भी जंग में एटमी हथियारों के इस्तेमाल के पक्ष में नहीं है। चीन के इसी बयान से उसकी दगाबाज़ प्रवृत्ति का पता चलता है।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ शी जिनपिंग

यूक्रेन युद्ध खत्म करवाने की कोशिश या जिनपिंग की चाल ?

चीन के राष्ट्रपति कई मंचों पर कह चुके हैं वो रूस और यूक्रेन युद्ध को रोकने की सार्थक कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में जब वो मॉस्को गए थे, तब भी उन्होंने यही राग छेड़ा था। तब चीन की ओर से 12 सूत्रीय शांति प्रस्ताव पेश किया गया था। जिनपिंग ने पुतिन से अपील की थी कि वो बातचीत के लिए तैयार हों। लेकिन, पुतिन ने टका सा जवाब देते हुए कहा था कि वो हमेशा से बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन अपने देश की संप्रुभता के साथ समझौता कर वार्ता नहीं करेंगे। इसके बाद जिनपिंग अपना सा मुंह लेकर बीजिंग लौट आए थे। लेकिन, इस सबके बावजूद जब मैक्रों ने उसने रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने की अपील की तो जिनपिंग फिर से ऐंठ गए। उन्होंने फ्रांस के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि वो ना सिर्फ इस दिशा में ईमानदार कोशिश कर रहे हैं बल्कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के पक्ष में भी नहीं हैं।

सलामी परेड में शी जिनपिंग और इमैनुएल मैक्रों

दुनिया का दादा बनने के चक्कर में शी का उड़ रहा मज़ाक

सवाल ये है कि क्या चीन चाहकर भी रूस की मुखालफत कर सकता है, जवाब है नहीं। सवाल ये है कि क्या चीन के कहने पर रूस अपने फैसलों को बदलेगा, जवाब है नहीं। तो फिर खामख्वाह शी जिनपिंग अपनी ऊर्जा क्यों बर्बाद कर रहे हैं। दरअसल, शी जिनपिंग दुनिया का दादा या कहें सुपरपावर बनना चाहते हैं। अमेरिका की कमज़ोर आर्थिक स्थिति का फायदा उठाते हुए वो दुनिया दूसरे देशों को झूठे वादों का लॉलीपॉप देकर बरगलाना चाहते हैं। लेकिन, शायद वो ये भूल रहे हैं कि पश्चिमी देशों की राय चीन को लेकर कभी अच्छी नहीं रही। खासतौर पर चीन की विदेश नीति को लेकर, जिससे डिक्टेटरशिप की बू आती रहती है। ऐसे में वो फ्रांस के राष्ट्रपति के सामने डींगे हांक कर ना सिर्फ अपना माखौल बनवा रहे हैं, बल्कि अपने सदाबहार दोस्त रूस को भी कहीं ना कहीं नाराज़ कर रहे हैं।

एक दूसरे से हाथ मिलाते मैंक्रों और जिनपिंग

यूरोपीय देशों से दोस्ती गांठने की कोशिश में शी जिनपिंग

शी जिनपिंग इमैनुएन मैक्रों के लिए बिछे जा रहे हैं। उनका मकसद यूरोपीय देशों को अपने करीब लाने का है, जिसमें फ्रांस का आपना किरदार और महत्व है। लेकिन, उन्हें ये भी पता होना चाहिए मैक्रों चीन के दौरे से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से सलाह-मश्विरा कर चुके हैं। चीन दौरे पर जाने से पहले इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से फोन पर भी बात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन में जंग खत्म करने की कोशिश में चीन को शामिल करने पर सहमति बनी थी। दोनों नेताओं ने चीन के साथ बात करके उसे जंग रोकने के लिए रूस को समझाने और यूक्रेन में फिर से शांति लाने की इच्छा जाहिर की थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Posts

Most Popular