चीन के लगभग सभी प्रांतों में कोरोना से त्राहिमामा मचा हुआ है। शंघाई से लेकर बीजिंग तक कोविड लोगों की जान ले रहा है। अस्पताल मरीज़ों से फुल हैं और शवदाह गृहों के बाहर लाशें ही लाशें हैं। लेकिन वहां की सरकार लोगों की जान बचाने के बजाए उल-जुलूल फैसले कर रही है। चीन ने कई ऐसे फ़ैसले लिए हैं, जिनसे पूरी दुनिया हैरान है। दरअसल, करीब तीन साल बाद चीन ने अंतरराष्ट्रीय क्वारंटीन नियमों में छूट दे दी है।
- 8 जनवरी 2023 से दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों को क्वॉरंटीन नहीं किया जाएगा।
- चीन आने से पहले यात्रियों को कोरोना टेस्ट कराना होगा।
- लेकिन, टेस्ट की रिपोर्ट पहले की तरह चीनी दूतावास में सब्मिट नहीं करनी होगी।
- सिर्फ फ्लाइट में बोर्ड करने से पहले टेस्ट रिपोर्ट दिखानी होगी।
कोरोना के बीच जिनपिंग के आत्मघाती फ़ैसले
चीन में 2020 से विदेशी यात्रियों को क्वॉरंटीन करने का नियम लागू था। जिसके तहत बाहर से आने वाले लोगों को 5 दिन के लिए होटल में, जबकि तीन दिन के लिए सेल्फ आइसोलेशन में रखा जाता था। चीन में अभी तक अंतरराष्ट्रीय यात्री विमानों की संख्या पर नियंत्रण रखने के लिए फाइव वन पॉलिसी लागू थी। जिसके मुताबिक हर विदेशी एयरलाइन चीन में सिर्फ एक एयर रुट अपना रही थी। लेकिन, चीन ने अब इस पॉलिसी को भी ख़त्म करने का ऐलान कर दिया है।
- चीन की जिनपिंग सरकार ने अपने बॉर्डर खोलने का भी फैसला किया है।
- चीन में अब सड़क और पानी के रास्ते यात्रियों की आवाजाही शुरु हो जाएगी।
- विदेश से लौटकर देश में काम शुरु करने वाले लोगों, व्यापारियों और छात्रों को फिर से वीज़ा दिया जाएगा।
जिनपिंग का फ़रमान, चीन में अब ‘कोरोना’ बोलना मना है !
चीन की सरकार ने कोरोना को ‘Class B Disease’ की श्रेणी में रखा है। इस श्रेणी में डेंगू जैसी कम गंभीर बीमारियों को रखा जाता है।
- चीन में अब कोरोना को निमोनिया (Pneumonia) नहीं बल्कि संक्रमण (infection) कहा जाएगा।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक बीमारी के मौजूदा ख़तरे को देखकर ये बदलाव किया गया है।
दरअसल, 2020 से कोरोना को क्लास ए कैटेगरी (Class A category) में रखा गया था। तब कोरोना केस मिलने के बाद सख्त प्रतिबंध लगाए जाते थे। कोरोना पीड़ियों को क्वारंटीन (Quarantine) किया जाता था। जांच होती थी। लॉकडाउन (Lockdown) भी लगाया जाता था। लेकिन, अब कोरोना को B कैटेगरी में डालने के बाद ऐसा कुछ नहीं होगा। अब सिर्फ कोविड पेशेंट्स का इलाज करने और संक्रमण को रोकने पर ज़ोर दिया जाएगा।
चीन की सरकार ने भले ही कोरोना प्रतिबंधों में ढील देते हुए नई रणनीति बनाई हो। लेकिन, ये रणनीति उसके लिए और भी ज़्यादा घातक साबित हो सकती है। दरअसल कोविड प्रतिबंधों में छूट से नया वैरिएंट कोरोना के म्यूटेशन में हेल्प कर सकता है।