BADI KHABAR: पाकिस्तान (Pakistan) के बलूचिस्तान (Balochistan) स्थित ग्वादर (Gwadar) इलाके में 23 इंजीनियरों को ले जा रहे एक चीनी काफिले पर हमला किया गया। ग्लोबल टाइम्स (Global Times) के मुताबिक, ये घटना ग्वादर पुलिस स्टेशन के पास हुई जब काफिले पर IED से हमला किया गया। इसके बाद आतंकवादियों (Terrorist) और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी हुई जिसमें एक आतंकवादी मारा गया और तीन अधिकारी घायल हो गए। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स', जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, उसपर ग्लोबल टाइम्स ने एक वीडियो शेयर कर घटना की जानकारी दी। काफिले में शामिल वैन पर गोली लगने से शीशे टूट गए।
सीनेटर और पूर्व प्रांतीय आंतरिक मंत्री सरफराज अहमद बुगती ने एक्स पर लिखा कि, "मैं ग्वादर में चीनी श्रमिकों के काफिले पर हुए जघन्य आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। शुक्र है कि कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन ऐसी खबरें हैं कि घात लगाकर हमला किया गया है। हमलावरों को खदेड़ा गया और मौत के घाट उतार दिया गया।" ग्वादर बंदरगाह अरबों डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के केंद्र बिंदुओं में से एक है और बंदरगाह पर कई चीनी कर्मचारी काम करते हैं। चीन (China) इस परियोजना के तहत बलूचिस्तान में भारी निवेश कर रहा है।
पिछले हफ्ते बलूचिस्तान के पंजगुर जिले में एक गाड़ी को निशाना बनाकर किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में यूनियन काउंसिल (UC) के अध्यक्ष सहित कम से कम 7 लोग मारे गए थे। पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक बलागातर यूसी के चेयरमैन इश्तियाक याकूब और एक शादी समारोह से लौट रहे लोगों को ले जा रहे वाहन को निशाना बनाने के लिए बदमाशों ने एक रिमोट विस्फोटक उपकरण लगाया था। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, देश में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि के साथ, पंजाब गृह विभाग ने प्रांत में रहने वाले या निजी कंपनियों के साथ काम करने वाले चीनी नागरिकों को अपनी सुरक्षा के लिए 'A' श्रेणी की निजी सुरक्षा कंपनियों को नियुक्त करने का निर्देश दिया है। सूबे में सरकारी और निजी परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा की समीक्षा के लिए गृह विभाग और पुलिस ने इस साल फरवरी महीने में एक बैठक की थी।
2014 में पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने राष्ट्रीय महत्व की विभिन्न परियोजनाओं पर काम करने वाले विदेशियों की सुरक्षा के लिए एक समर्पित इकाई के रूप में विशेष सुरक्षा इकाई (SPU) की स्थापना की। एसपीयू में 3,336 सुरक्षा कांस्टेबल, 187 ड्राइवर, 20 वायरलेस ऑपरेटर, वरिष्ठ सुरक्षा कांस्टेबल से मुख्य सुरक्षा अधिकारी के पद पर 244 पूर्व सेना कर्मी और अतिरिक्त निदेशक और उप निदेशक पद के सात पूर्व सेना अधिकारियों को भर्ती किया गया था। ये तमाम सुरक्षाकर्मी बलूचिस्तान में 70 आवासों और 24 शिविरों में रहने वाले चीनियों को सुरक्षा भी प्रदान कर रहे हैं। लेकिन, इसके बावजूद चीन के नागरिकों पर हमले तेज़ होते जा रहे हैं, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।