PAKISTAN: बिछड़े सभी बारी-बारी, इमरान के दोस्तों ने ही की गद्दारी। जी हां, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की विवादास्पद गिरफ्तारी और उसके बाद हुई हिंसा के बाद से इमरान की तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के दो दर्जन से अधिक नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। इनके पार्टी छोड़ने की वजह 9 मई की हिंसा, सैन्य प्रतिष्ठानों के ऊपर हुए हमले और सरकारी कार्रवाई है। इमरान खान और उनकी पार्टी को सबसे तगड़ा झटका तो उस वक्त लगा जब बार-बार ज़मानत मिलने के बावजूद PTI की वरिष्ठ नेता शिरीन मज़ारी (Shireen Mazari) गिरफ्तार होती रहीं और आखिरकार पार्टी छोड़ दी।
मंगलवार शाम को अपने इस्लामाबाद (Islamabad) स्थित आवास पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए 57 वर्षीय शिरीन मज़ारी ने 9 मई को हुई हिंसा की निंदा की, जिसमें सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि,वो राजनीति में जारी नहीं रहेंगी। शिरीन मज़ारी ने कहा कि…
''लगातार रिहाई और गिरफ्तारी की वजह से मेरी बेटी इमान को बेहद मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा। इस सबका असर मेरे स्वास्थ्य पर भी पड़ा। इन्हीं कारणों से मैंने फैसला किया है कि मैं सक्रिय राजनीति छोड़ दूंगी। और मैं ये जोड़ना चाहती हूं कि आज से मैं PTI या किसी अन्य राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं बनूंगी।''
फवाद चौधरी भी जल्द छोड़ने वाले हैं PTI
कयास लगाए जा रहे हैं शिरीन मज़ारी के बाद अगला नंबर फवाद चौधरी (Fawad Chaudhry) का हो सकता है। हाल ही में फवाद चौधरी गिरफ्तारी के डर से भागते और उसके बाद पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) की तारीफ करने के साथ 9 मई की हिंसा को गलत ठहराते नज़र आए थे। इमरान खान और फवाद चौधरी के बीच ट्विटर पर तू-तू मैं-मैं भी हुई थी। बताया जा रहा है कि फवाद के रवैये से इमरान खान नाराज़ हैं, जबकि फवाज पर पाकिस्तानी सेना का प्रेशर है कि वो PTI से किनारा कर लें।
अपने नेताओं के पार्टी छोड़ने पर क्या बोले इमरान खान ?
पीटीआई के डूबते जहाज़ और इमरान के ऊपर लटकती गिरफ्तारी की तलवार को देखते हुए लगातार उनके करीबी उनका साथ छोड़ते जा रहे हैं। जिसके बाद पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने ट्वीट किया कि,”हम सभी ने पाकिस्तान में जबरन विवाह के बारे में सुना था, लेकिन पीटीआई के लिए एक नई घटना सामने आई है, जबरन तलाक।” मंगलवार को इस्लामाबाद की एक अदालत में पत्रकारों से बात करते हुए इमरान खान ने आरोप लगाया कि, उनकी पार्टी के नेताओं को पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि..
"लोग नहीं छोड़ रहे हैं, उन्हें बंदूक की नोक पर पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जनीतिक दलों को इस तरह की रणनीति से खत्म नहीं किया जा सकता है।"
किस डर से PTI छोड़ रहे हैं इमरान के करीबी ?
पाकिस्तान मामलों के जानकारों का मानना है कि वहां की सियासत में पार्टी छोड़ना या फिर दूसरी पार्टी में शामिल होना कोई नई बात नहीं है। पाकिस्तानी की राजनीति वहां सेना की अत्यधिक भूमिका के कारण राजनीतिक दलों से दलबदल कोई नई घटना नहीं है। जानकारों का मानना है कि इस तरह के दल-बदल “प्रतिष्ठान” यानि सेना के इशारे पर होते हैं। ये वही सेना है कि जिसने पाकिस्तान पर लगभग तीन दशकों तक सीधे शासन किया है।