शुक्रवार को पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची में एक निजी कंपनी द्वारा स्थापित रमजान खाद्य और नकद वितरण केंद्र में जानलेवा भगदड़ मची। इस भगदड़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 9 महिलाएं और 3 बच्चे शामिल हैं। दरअसल, कराची की एफके डाइंग कंपनी ने गरीबों को मुफ्त राशन और पैसे बांटने का ऐलान किया था। जिसके बाद फैक्ट्री के बाहर हज़ारों की तादाद में लोग जमा हो गए, जिनमें ज़्यादातर महिलाएं थीं। लेकिन, जैसे ही फैक्ट्री का गेट खुला, भगदड़ मच गई।
भगदड़ की वजह से फैक्ट्री के अंदर पानी की पाइप भी फट गई, जिससे एक जगह पर पानी जमा हो गया और महिलाएं उसमें गिरती चलीं गईं, दबती चली गईं। कुछ लोगों ने तो ये भी आरोप लगाया कि पानी में करंट भी आ गया था। मुफ्त राशन और पैसों की खातिर लाइन में लगी महिलाओं को मौत नसीब हुई, और उनके परिवारवालों के मिला ऐसा ज़ख्म जो शायद ही कभी भरे। जिसने भी कराची में हुई इस भगदड़ का मंज़र देखा सहम उठा।
कराची हादसे में पुलिस का एक्शन
हादसे के ज़िम्मेदार फैक्ट्री मालिक समेत 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। कराची पुलिस ने हादसे के बाद डाइंग फैक्ट्री की सील कर दिया है। लेकिन, सबसे ज़्यादा चौंकाने वाला खुलासा ये हुआ कि कराची के Sindh Industrial and Trading Estate में स्थित एफके डाइंग कंपनी के मालिक ने ज़कात या कहें रमज़ान में दान देने का ऐलान तो कर दिया था, लेकिन इस बारे में लोकल पुलिस और प्रशासन कोई जानकारी नहीं दी थी। जबकि, कंपनी के मालिक को अच्छी तरह पता था कि पाकिस्तान में आटे की एक-एक थैली के लिए मची मारकाट के बीच उसके मुफ्त में राशन और पैसे बांटने के ऐलान के बाद लोगों की भारी भीड़ जमा होगी। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने पीड़ितों को मदद का ऐलान किया है, लेकिन ऐसी घटनाएं दोबारा ना हो, इसके लिए कोई ठोस रणनीति बनाते नज़र नहीं आ रहे।
राशन के लिए पाकिस्तान में ‘मौत वाली भगदड़’ के मामले
- 21 मार्च को मुजफ्फरगढ़, कोटअद्दु में आटे के लिए 2 लोगों को जान गंवानी पड़ी
- साहिवाल में 28 मार्च को मुफ्त आटे के लिए मची भगदड़ में दो औरतों की जान चली गई
- कराची में 31 मार्च को फ्री राशन और पैसों के चक्कर में 12 लोगों की जान गई