नकदी संकट से जूझ रही पाकिस्तान की सरकार के साथ अपनी अहम बातचीत से पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMf) ने शहबाज सरकार को एक और झटका दिया है। IMF ने जांच के दौरान 2022-23 के बजटीय अनुमानों में 2,000 अरब रुपये से ज़्यादा का उल्लंघन पाया है। इससे पाकिस्तान के बजट और प्राथमिक घाटे में भारी अंतर से वृद्धि हो सकती है। पाकिस्तान और आईएमएफ के अधिकारी अतिरिक्त फंड के लिए नौवीं समीक्षा को पूरा करने के लिए मंगलवार से बातचीत शुरू करने वाले हैं। इस दौरान जिसके दौरान राजकोषीय घाटे और आंकड़ों के मिलान पर चर्चा होनी है। इस समीक्षा से पाकिस्तान को पैसों की अगली किस्त जारी होनी है जो पिछले साल सितंबर से अटकी पड़ी है।
IMF बोला…’जनता पर टैक्स बढ़ाओ, फिर पैसे लेने आओ’
पाकिस्तान की सरकार ने 2022-23 के बजट घोषणा से पहले बजट घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 4.9 प्रतिशत और प्राथमिक घाटे को जीडीपी के 4.9 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य रखा था। लेकिन, जानकारी के मुताबिक IMF फिलहाल पाकिस्तानी अधिकारियों को मिनी बजट के माध्यम से 600 अरब रुपये के अतिरिक्त टैक्स से जुड़े उपाय करने के लिए कह रहा है। जबकि, पाकिस्तानी अधिकारी इस पर बिल्कुल सहमत नहीं हैं। पाकिस्तान का तर्क है कि प्राथमिक घाटा इस हद तक नहीं बढ़ेगा।
पाकिस्तान ने IMF से 500 अरब रुपये और मांगे
IMF ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजटीय अनुमानों में 2 लाख करोड़ रुपये का उल्लंघन पाया है। चेतावनी दी गई है कि प्राथमिक और बजट घाटे बड़े अंतर के साथ बढ़ सकते हैं। आईएमएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह भी फैसला किया है कि वो चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए प्राथमिक घाटे के हिस्से के रूप में पाकिस्तान के एनर्जी सेक्टर को भी शामिल करेंगे जिसका बुरा हाल है। इस बीच पाकिस्तान ने आईएमएफ से बजट घाटे, विशेष रूप से चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए प्राथमिक घाटे की गणना के लिए बाढ़ में खर्च हुए फंड के कारण 500 अरब रुपये की छूट देने का अनुरोध किया है।
क़र्ज़ लौटाने की ताक़त नहीं और पैसे चाहिए अरबों
पाकिस्तान सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है क्योंकि उसका विदेशी मुद्रा भंडार 3.7 अरब डॉलर के न्यूनतम स्तर पर आ गया है और डिफॉल्ट से बचने के लिए उसे जितनी जल्दी हो सके नकदी (डॉलर) की ज़रूरत है।
IMF ही पाकिस्तान को बचा सकता है। हालांकि, पाकिस्तान अगर IMF की शर्तों को पूरा नहीं करता और टैक्स वृद्धि नहीं करता, तो कयास लगाए जा रहे हैं कि उसे IMF से आर्थिक मदद नहीं मिलेगी।