PAKISTAN: क्रिकेट की दुनिया से राजनीति में आए इमरान खान (Imran Khan) का पॉलिटिकल करियर खत्म होता दिख रहा है। 9 मई की हिंसा (9 May Violence) के बाद से इमरान खान की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री पर 150 से ज़्यादा मुकदमें दर्ज हैं। एक में बेल मिलती है तो दो नए मुकदम दायर हो जाते हैं। तोशाखाना मामला (Toshakhana case), महिला जज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी (Objectionable Remarks Against Female Judge) और पीटीआई कार्यकर्ताओं की हिंसा (Violence by PTI Workers) को लेकर पहले से ही इमरान खान की गर्दन फंसी हुई थी। उसके बाद एक-एक कर पुराने साथियों के अलग होने (Separation of Old Friends) से उनकी पार्टी यानि PTI के वजूद पर खतरा मंडराने लगा। लेकिन, अब जो हुआ है उससे तय हो जाता है कि पाकिस्तान से बोरिया-बिस्तर बांध कर विदेश भागने में ही इमरान की भलाई है।
PTI के खिलाफ बनी नई पार्टी में इमरान के पुराने साथी शामिल
पाकिस्तान में इसी साल अक्टूबर में चुनाव होने वाले हैं। इमरान खान अक्टूबर से पहले चुनाव कराने और उसमें जीत हासिल करने का दंभ भर रहे थे। लेकिन, तभी 9 मई का वाकया पेश आ गया। इसके बाद इमरान खान की पार्टी के कई नेता PTI से अलग हो गए। लेकिन, इमरान को असली झटका तब लगा जब PTI से अलग हुए ज़्यादातर नेताओं ने एक नई पार्टी इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान (Istehkam-i-Pakistan Party) को ज्वाइन कर लिया। इन नेताओं में सबसे बड़ा नाम फवाद चौधरी का है। जबकि, फवाद चौधरी (Fawad Chaudhary) के अलावा पीटीआई को छोड़ इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं की लिस्ट में इमरान इस्माइल, तनवीर इलयास, आमिर कियानी, अली ज़ैदी, फय्याज़ुल हसन चौहान, फिरदौस आशिक अवान, सईद अखबर नवानी और नौमान नंगरियाल का नाम है।
सेना के इशारे पर बनी पाकिस्तान में नई पॉलिटिकल पार्टी
पाकिस्तानी मीडिया में चर्चा है कि इमरान खान को सबक सिखाने के लिए बनाई गई इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी का गठन पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) के इशारे पर किया गया है। इसका मकसद इमरान खान की पार्टी को पूरी तरह तोड़कर उन्हें चुनाव से पहले ही पंगु बना देना है। पाकिस्तान की राजनीति को बारीकी से समझने वालों की मानें तो आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर (Asim Munir) के इशारे पर इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी का गठन किया गया है, क्योंकि रातों-रात एक नई पार्टी का बनाया जाना और उस पार्टी का अक्टूबर में होने वाले चुनावों में कामयाबी दर्ज करने का दावा करना समझ से परे है।
जिन्होंने इमरान को बनाया, वही करेंगे इमरान का खेल खल्लास!
इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी की बुनियाद उन दो लोगों ने रखी है जो कभी इमरान खान के सबसे भरोसेमंद माने जाते थे। ये वो लोग हैं जिन्होंने इमरान खान की पार्टी को खड़ा करने में अपना खून पसीना बहाया था। लेकिन जैसे ही इमरान नियाज़ी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने, उन्होंने अपने इन दो सबसे भरोसेमंद सिपेहसालारों को ही बाहर का रास्ता दिखा दिया। लिहाज़ा, अब इन्होंने नई पार्टी बनाकर इमरान खान को सबक सिखाने की ठानी है।
- इमरान खान के राजनीतिक करियर को पूरी तरह खत्म करने के लिए सबसे अमीर कारोबारियों में शुमार शुगर माफिया जहांगीर खान तरीन (Jahangir Khan Tareen) और एक दूसरे अमीर कारोबारी अलीम खान (Aleem Khan) ने हाथ मिलाया।
- जहांगीर तरीन वो शख्स हैं, जिनका 2011 में इमरान की पार्टी खड़ी करने में सबसे अहम रोल था। लेकिन, 2017 में उन्हें झूठे केस में फंसाकर इमरान ने पार्टी से निकाल दिया।
- उसी तरह अलीम खान इमरान खान की पार्टी PTI के प्रमुख फंडर थे, ये चुनावों और रैलियों के लिए इमरान की पार्टी को पैसे दिया करते थे। लेकिन, उन्हें भी इमरान ने साइडलाइन कर दिया।
- लेकिन, अब दोनों ने मिलकर इमरान खान की पार्टी PTI के खिलाफ IPP यानि इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी बनाई है।
IPP के प्रमुख जहांगीर खान तरीन का इमरान पर हमला
नई पार्टी की ऐलान करने के बाद इसके प्रमुख जहांगीर खान तरीन (Jahangir Khan Tareen) ने इमरान खान पर जमकर हमला बोला। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्हें इमरान का नाम लिए बगैरा कहा कि, जिस उद्देश्य के तहत PTI बनाई गई थी उसे पूरा करने में पार्टी विफल रही। उन्होंने इशारों-इशारों में इमरान खान को बददिल नेता कहा। साथ ही कहा कि पार्टी में इस कदर मायूसी फैल गई थी कि लोग उसका दामन छोड़ने लगे। नई पार्टी का ऐलान करते हुए जहांगीर खान तरीन खान ने 9 मई की हिंसा को लेकर भी इमरान खान की पार्टी PTI को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि, अगर हमने 9 मई के साज़िशकर्ताओं और हुड़दंगियों को अंजाम तक ना पहुंचाया, तो फिर सियासतदानों के घरों पर हमला भी जायज ठहराया जाएगा।