दो बार हुए जानलेवा हमलों से पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) इस कदर खौफज़दा हैं कि घर से बाहर तक नहीं निकलना चाहते। वो लाहौर स्थित अपने ज़मां पार्क वाले घर में ही रहना चाहते हैं। इमरान खान को डर लग रहा है कि पाकिस्तान के मौजूदा गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह (Home Minister Rana Sanaullah) के इशारे पर उनका कत्ल (Murder) किया जा सकता है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने आशंका जताई है कि उनपर तीसरी बार जानलेवा हमला (Deadly attack) हो सकता है।
लाहौर कोर्ट में गिड़गिड़ाए इमरान खान
दरअसल, एक केस की सुनवाई के लिए इमरान खान को लाहौर हाईकोर्ट (Lahore High Court) ने तलब किया था। भारी सुरक्षा व्यवस्था और समर्थकों के साथ इमरान खान अदालत पहुंचे। कोर्ट की लार्जर बेंच ने इमरान खान के खिलाफ तमाम मामलों की तफ्तीश करने का आदेश देते हुए सुनवाई 8 मई तक के लिए टाल दी। अदालत ने आदेश दिया की जुमे की दोपहर 2 बजे पुलिस अधिकारी उनके ज़मां पार्क वाले घर जाएं और तफ्तीश करें। लेकिन, अदालत का फैसला आते ही इमरान घबरा गए। उन्होंने कोर्ट से अपनी बात रखने की इजाजत मांगी और कहा कि…
- मुझे मारने के लिए तीसरी बार साजिश रची जा रही है
- सभी पॉलिटिकल केस रद्द कर देने चाहिए
- मुझे बार-बार कोर्ट के चक्कर ना लगाने पड़ें
- लगातार अदालत आने की वजह से मेरी जान को खतरा बढ़ जाएगा
इमरान ने चोटिल होने का किया नाटक ?
इमरान खान की अपील पर अदालत ने कुछ नहीं कहा। जिसके बाद मायूस होकर वो अदालत से निकल गए। लेकिन कोर्ट से बाहर आते वक्त इमरान खान के साथ एक हादसा हो गया। अदालत में मौजूद भीड़ के बीच धक्का-मुक्की हुई जिससे इमरान खान चोटिल हो गए। पाकिस्तानी मीडिया की मानें तो धक्का-मुक्की में इमरान खान के उसी पैर में चोट लगी जिसमें उन्हें गोली लगी थी। चोट लगने की वजह से उनका ज़ख्म एक बार फिर ताज़ा हो गया। जिसके बाद इमरान खान को शौकत खानम अस्पताल ले जाया गया जहां उनके पैर के जख्म की जांच की गई। अस्पताल से इमरान खान को जमां पार्क वाले घर लाया गया।
इमरान की नौटंकी पर नाराज़ हुआ कोर्ट
इमरान खान पर 121 केस चल रहे हैं। इन्हीं में से एक केस में इमरान खान को बुधवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में पेश होना था। लेकिन, पैर में लगी चोट और सूजन की दलील देते हुए वो कोर्ट में नहीं पहुंचे। जिसके बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि….
- सुनवाई गिरफ्तारी से पहले बेल के लिए हो रही है।
- लिहाजा, इस मामले में याचिकाकर्ता का पेश रहना ज़रूरी है।
- इमरान खान को अदालती वक्त में पेश होना होगा।
- वरना कोर्ट उनकी ज़मानत की याचिका को खारिज कर देगी।
अदालत के इस सख्त रूख के बाद इमरान खान और उनकी पार्टी को तगड़ा झटका लगा। क्योंकि अबतक यहीं माना जा रहा था कि अदालतें इमरान को रियायत दे रही हैं और नरमी से पेश आ रही हैं।