Sunday, September 8, 2024
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Imran Khan’s Long March: इमरान खान की विधानसभाओं से इस्तीफा देने की धमकी, नए ‘जनरल’ को चुनौती या साख बचाने की कोशिश ?

  • पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान ख़ान की विधानसभाओं से इस्तीफे की धमकी
  • जानकारों ने धमकी को सेना के साथ संबंध स्थापित करने की कोशिश बताया
  • इमरान की धमकी के बीच उनके करीबी नेता को FIA ने किया गिरफ़्तार

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) के अध्यक्ष इमरान खान ने रावलपिंडी से लॉन्ग मार्च में एक बार फिर शिरकत की और विधानसभाओं से इस्तीफा देने की धमकी दी। एक विशाल जनसभा (लॉन्ग मार्च) को संबोधित करते हुए, पूर्व पीएम ने घोषणा की, कि उनकी पार्टी अब इस वर्तमान भ्रष्ट राजनीतिक प्रणाली का हिस्सा नहीं रहेगी, जहां अरबों रूपए के भ्रष्टाचार के आरोपी लोग बिना सज़ा के भाग जाते हैं। हालांकि, इमरान खान ने स्पष्ट किया कि वो इस मामले पर अपने मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा करेंगे और पीटीआई के संसदीय दल की बैठक के बाद इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। जबकि, पंजाब के मुख्यमंत्री चौधरी परवेज़ इलाही ने पंजाब विधानसभा भंग करने की पीटीआई की योजना के संबंध में किसी भी तरह के प्रतिरोध की चिंताओं को खारिज करते हुए स्वीकार किया कि वह पीटीआई प्रमुख इमरान खान के ऋणी हैं और उनके निर्देशों को तुरंत मानेंगे। अगर इमरान ख़ान ने कहा कि विधानसभा को भंग करना है तो वो ज़रा भी देर नहीं लगाएंगे।

इमरान ख़ान के मुख्यमंत्री इस्तीफ़ा देंगे तो आगे क्या होगा, पाकिस्तान में गृह यद्ध का होगा आगाज़ ?

जानकारों की मानें तो पीटीआई के सदस्यों ने खैबर पख़्तूनख़्वा और पंजाब की प्रांतीय विधानसभाओं से इस्तीफा देने का विकल्प चुना भी तो चुनाव नहीं करा पाएंगे। यह वास्तव में केंद्र में हुई घटनाओं की पुनरावृत्ति होगी, जहां पीटीआई सदस्यों के सामूहिक इस्तीफे के बावजूद संघीय सरकार और संसद अभी भी काम कर रही थी। इसका मतलब ये हुआ कि पीटीआई केवल यह धमकी देना चाहती है कि अब भी जनता के बीच उसकी साख बची हुई है, और अगर वो चाहे तो देश में क्रांति की शुरुआत कर सकती है, जिससे ना केवल मौजूदा शहबाज़ सरकार, बल्कि नए सेना प्रमुख आसिम मुनीर को भी मुसाबतों का सामना करना पड़ सकता है। पाकिस्तान मीडिया में चल रही चर्चाओं की मानें तो इमरान ख़ान का सभी विधानसभाओं से अपनी पार्टी के नेताओं का इस्तीफ़ा देने की बात करना सिर्फ एक संकेत भर है। यह निर्णय निश्चित और अंतिम नहीं है। यह नए सैन्य नेतृत्व के लिए सिर्फ एक संकेत है कि इमरान ख़ान सिस्टम के भीतर काम करना चाहता हैं, लेकिन सेना को सरकार से चुनाव कराने के लिए कहना होगा।

COURTSEY. THE DAWN

नए ‘जनरल’ के शपथ लेने से पहले ही इमरान ख़ान पर गिरी गाज, क़रीबी आजम स्वाति हुए गिरफ़्तार

पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के खिलाफ कड़े शब्दों में ट्वीट करने को लेकर रविवार तड़के PTI सीनेटर आजम स्वाति को गिरफ्तार कर लिया। जमानत पर रिहा होने के बाद सीनेटर आजम स्वाति ने कहा था कि हिरासत में उन्हें कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया और उन्होंने दो सैन्य अधिकारियों को हटाने की मांग की थी। इनमें से एक के खिलाफ उन्होंने अपने ट्वीट में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। जिसके बाद इस्लामाबाद साइबर अपराध रिपोर्टिंग सेंटर (CCRC) के तकनीकी सहायक अनीसुर रहमान ने राज्य की शिकायत पर एफआईए द्वारा एक प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में कहा गया है कि, “दोष देने और नाम लेने के इस तरह के डराने वाले ट्वीट पाकिस्तान को नुकसान पहुंचाने के लिए, सैन्यकर्मियों के बीच दरार पैदा करने के लिए, एक शरारतपूर्ण कार्य था।” वैसे, इससे पहले शनिवार की रात को पीटीआई के पावर शो में स्वाति ने एक ज़ोरदार भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने सेना प्रमुख बाजवा से कई सवाल पूछते हुए फिर से अपनी कथित प्रताड़ना का जिक्र किया था।

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