Sunday, December 22, 2024
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Modi speech in US Congress: 79 बार बजीं तालियां, 15 बार अमेरिकी सांसदों ने खड़े होकर किया अभिवादन, जानिए पीएम मोदी के अमेरिकी संसद में दिए भाषण की बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुरुवार की देर रात अमेरिकी संसद को संबोधित (addressed the US Parliament) किया। इस दौरान उनका ऐसा ग्रैंड वेलकम (Grand Welcome) हुआ, जैसा इससे पहले शायद ही किसी राष्ट्राध्यक्ष का हुआ होगा। अमेरिकी संसद को दूसरी बार संबोधित करने (Addressed the US Parliament for the second time) के लिए जब पीएम मोदी वहां पहुंचे तो अमेरिकी सांसदों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया। अमेरिका की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस (Vice President Kamala Harris) और प्रतिनिधि सभा के 55वें स्पीकर केविन मैक्कार्थी (Speaker Kevin McCarthy) ने भी खड़े होकर तालियों के साथ मोदी का अभिवादन किया।

58 मिनट के भाषण की बड़ी बातें

भारतीय संस्कृति का प्रचार
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी भाषण की शुरुआत में अमेरिकी कांग्रेस के तमाम सदस्यों का हाथ जोड़कर नमस्कार के साथ अभिवादन किया। पीएम ने बताया कि कैसे भारत विविधाओं के बावजूद एक है। उन्होंने भारतीय संस्कारों के ज़रिए पर्यावरण सुरक्षा को लेकर दुनिया को बड़ा संदेश भी दिया।
पीएम मोदी ने भारतीय संस्कारों के ज़रिए पर्यावरण संरक्षण (Environmental protection through Indian rituals) को लेकर दुनिया को बड़ा संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि, हम मानते हैं कि.. माता भूमिः पुत्रो अहं पृथिव्या:, इसका मतलब है, ये भूमि हमारी माता है और हम सब इसके पुत्र हैं। भारतीय संस्कृति पर्यावरण और हमारी पृथ्वी का सम्मान (respect for the environment and earth) करती है। 
भारत-अमेरिका संबंध
पीएम मोदी ने भारत-अमेरिका के रिश्तों (Indo-US relations) को मौजूदा दौर की तकनीक से जोड़कर इस तरह परिभाषित किया कि तमाम सांसद खड़े होकर तालियां बजाने लगे। उन्होंने कहा कि, पिछले कुछ सालों में AI में कई कदम आगे बढ़ाए हैं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ठीक उसी समय इससे भी ज़्यादा तरक्की एक दूसरे AI ने की, अमेरिका और इंडिया।
पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध दुनिया को एक बेहतर भविष्य दे सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, दोनों देश अलग-अलग परिस्थितियों और इतिहास से आते हैं, लेकिन दृष्टिकोण और नियत एक जैसी है। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने बताया कि कैसे पिछले एक दशक में अमेरिका और भारत के साथ रक्षा और व्यापारिक संबंध मजबूत (Strong defense and trade ties) हुए हैं। 
पीएम मोदी ने कहा कि, अमेरिका आज हमारा सबसे महत्वपूर्ण रक्षा सहयोगी बन गया है। आज भारत और अमेरिका, एक साथ मिलकर अंतरिक्ष और समुद्र में काम कर रहे हैं, साइंस और सेमिकंडक्टर्स पर काम कर रहे हैं। हमारे बीच सहयोग की संभावनाएं अंतहीन हैं। हमारे तालमेल की क्षमता असीमित है। और हमारे संबंधों की केमिस्ट्री बेहद सहज है। पीएम मोदी ने ये भी कहा कि भारतीय और अमेरिकी हर क्षेत्र में अव्वल हैं। 
भारत-अमेरिका के मज़बूत होती साझेदारी और तमाम सेक्टर्स में बढ़ते सहयोग पर पीएम मोदी ने अपनी लिखी एक कविता भी सुनाई। ''आसमान में सिर उठाकर, घने बादलों को चीर कर, रोशनी का संकल्प लें, अभी तो सूरज उगा है, दृढ़ निश्चय के साथ चलकर,  हर मुश्किल को पार कर, घोर अंधेर को मिटाने, अभी तो सूरज उगा है।''
अमेरिकी भारतवंशी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में बसे भारतवंशियों की बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ भारतवंशी तो ऐसे भी हैं जो गर्व के साथ इस सदन में बैठे हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और समोसा कॉकस का जिक्र भी किया, जिसपर तालियां बजने लगीं, जबकि खुद कमला हैरिस खिल-खिलाकर हंसने लगीं। 
पीएम मोदी ने कहा कि, यहां लाखों लोग हैं जिनकी जड़ें भारत में हैं, उनमें से कुछ इस चेंबर में गर्व से बैठते हैं, और एक मेरे पीछे हैं, उन्होंने तो इतिहास रचा है, मुझे समोसा कोकस के बारे में बताया गया है, अब ये कोकस इस सदन का ज़ायका बन चुका है।
वैश्विक चुनौतियां 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल सप्लाई चेन से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध और आतंकवाद का भी ज़िक्र किया। उन्होंने अपने भाषण में इन तमाम मुद्दों पर चिंता ज़ाहिर की और इनसे निपटने के तरीके भी सुझाए। रूस यूक्रेन युद्ध पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि, वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांत के सम्मान, मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर आधारित है। जैसा की मैंने सीधे और सार्वजनिक तौर पर कहा है,ये युद्ध का दौर नहीं है।
आतंकवाद पर बोलते हुए मोदी ने पाकिस्तान और चीन जैसे उसके पैरोकारों का नकाब भी उतार दिया। उन्होंने कहा कि, 26/11 के करीब दो दशक बाद और  9/11 के करीब एक दशक बाद भी कट्टरपंथ और आतंकवाद दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। इस तरह की आतंकी विचारधाराएं अपनी पहचान और नाम बदलती रहती हैं, लेकिन इनके इरादे वही रहते हैं। आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इससे जंग में कोई किंतु-परंतु नहीं होनी चाहिए।
चीन के विस्तारवादी नीति पर भी मोदी ने करार वार किया। उन्होंने कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में मुक्त व्यापार और किसी भी शक्ति की दखलअंदाज़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 
पर्यावरण के मुद्दे पर मोदी ने कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने पेरिस कमिटमेंट को पूरा किया है।  पीएम मोदी ने वन अर्थ, वन फैमिली वन फ्यूचर का नारा देते हुए पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर दुनिया के सभी देशों से साथ आने की अपील भी की।

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