ज़्यादा दिन नहीं गुज़रे जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के लिए कहा था कि, जो लोग अपने घर में सांप पालते हैं, वो ये कत्तई ना सोचें की ये सांप उनके पड़ोसी को काटेगा। ये सांप पालने वाले को भी नहीं छोड़ेगा। एस जयशंकर की इस बात का पाकिस्तान पर कोई असर नहीं हुआ था और वो हमेशा की तरह भारत के खिलाफ ज़हर उगलता रहा। लेकिन, कहते हैं ना कि इंसान को तभी सदबुद्धि आती है जब उसपर आफत आती है। पाकिस्तान के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। भले ही उसे सदबुद्धि आए या ना आए, लेकिन पाकिस्तान को इस बात का अहसास तो हो ही गया है कि आतंकियों को पालना-पोसना उसे तबाही की तरफ धकेल रहा है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने संसद में भाषण के दौरान ना सिर्फ ये कबूल किया कि आतंक का बीज उनके देश ने ही बोया, बल्कि ख्वाजा आसिफ ने ये भी कहा कि पाकिस्तान दहशतगर्दी की दलदल में धंसता जा रहा है।
”ये जो दहशतगर्दी है इसका बीज तो हमने खुद बोया। अफगानिस्तान में जब रूस की घुसपैठ हुई तो हमने अपनी सर्विसेज़ किराए पर अमेरिका को दे दीं। हम अमेरिका के लिए आतंक के खिलाफ जंग में कूद पड़े। लेकिन, दुनिया इस जंग के लिए पाकिस्तान की तारीफ नहीं करती, क्योंकि हम आपसे ही दहशतगर्दी करते हैं, सियासत में भी दहशतगर्दी करते हैं। हमने आपस में ही लड़ाई की है। हमने ही अपनी इबादतगाहों को उड़ाया है।”
तालिबान की आलोचना करने पर हुई ख्वाजा की खिंचाई
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ये भी स्वीकार कर लिया कि अफगानिस्तान से आतंकियों को लाकर बसाया गया, जो आज पाकिस्तान में खून की होली खेल रहे हैं। हालांकि, इसके लिए उन्होंने अपनी पार्टी की सरकारों को नहीं बल्कि इमरान खान और उनकी पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ को जिम्मेदार ठहराया। ख्वाजा आसिफ ने कहा कि, अफगानिस्तान से आतंकियों को लाकर बसाया जो आजतक वापस नहीं गए। करीब दो साल पहले इन्हें पाकिस्तान में बसाने का फैसला किया गया था जो एक गलत फैसला था। एक ऐसी पॉलिसी का सबूत था जो तबाही मचाने वाली साबित हुई।” ख्वाजा आसिफ ने कहा कि, तालिबानी आतंकी शांति की बात ना समझते हैं और ना शांति से रहते हैं। लिहाज़ा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी। हालांकि, ख्वाजा आसिफ जैसे ही लोग तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता में आने का जश्न मना रहे थे। एक पाकिस्तानी पत्रकार ने आसिफ का पुराना ट्वीट दिखाते हुए सोशल मीडिया पर उनके बयान को लेकर सवाल खड़ा कर दिया।
आसिफ बोले.. ‘ऐसा तो भारत में भी नहीं होता’
ख्वाजा आसिफ ने संसद में खड़े होकर मान लिया कि हिंदुस्तान में भी मस्जिदों में हमला नहीं होता, जबकि पाकिस्तान में आए दिन ऐसे वारदात होते रहते हैं। उन्होंने कहा कि, हिंदुस्तान में मस्जिदों के नमाजियों के साथ वो कुछ नहीं होता जो पाकिस्तान में हो रहा है। ना इजरायल में मस्जिदों के नमाज़ियों को साथ वो कुछ होता है जो पाकिस्तान में हो रहा है।” उन्होंने अपनी बात दोहराई भी। 31 जनवरी को भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने हमले के पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की थी। बागची ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा था कि, ‘भारत पेशावर में हुए फिदायीन हमले की कड़ी निंदा करता है।’
पाकिस्तानी पीएम का आतंकवाद से ऐलान-ए-जंग ?
TTP के हमलों से परेशान हो चुकी पाकिस्तान की सरकार और सेना ने उसके खिलाफ नए सिरे से सैन्य ऑपरेशन को अंजाम देने की तैयारी शुरु कर दी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने कैबिनेट की अहम मीटिंग के दौरान कहा कि, आतंक का बढ़ता दायरा एक बार फिर देश के लिए खतरे की घंटी बजा रहा है और पाकिस्तान तबाही की दहलीज़ पर खड़ा है।
”ये दोबारा किस तरह पाकिस्तान का अमन खराब हो गया। किस तरह खैबर पख्तूनख्वा दोबारा दहशतगर्दों के हाथ में चला गया। ये बात मैं यहां पर बिना किसी डर के साथ कह सकता हूं कि अगर हमने फौरन मुनासिब कदम नहीं उठाए तो खुदा ना खास्ता आतंकवाद पाकिस्तान के दूसरे इलाकों में दोबारा फैल जाएगा। और फिर तारीख में..मेरे मुंह में खाक.. कि हमारा नाम भी कोई लेने वाला नहीं होगा।”
शहबाज़ शरीफ ने पाकिस्तान में बढ़ते आतंकी हमलों के लिए इशारों-इशारों में इमरान खान और पूर्व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 4 साल के दौरान आतंकियों को खुली छूट मिली और वो बेलगाम हो गए।
''किसने कहा था कि ये जेहादी हैं और ये पाकिस्तान के दोस्त हैं। मैं किसी का नाम नहीं ले रहा यहां पर। और किसने कहा था कि जनाब इन्होंने हथियार डाल दिए हैं और अब ये पाकिस्तान की अमन और तरक्की में हिस्सा होंगे, वो मुख्यधारा में लाए जाएंगे, ये वो चुभते हुए सवाल हैं जिनके जवाब हमें तलाशने होंगे।'' - शहबाज़ शरीफ़, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री