तो क्या पाकिस्तान को अक्ल आ गई है कि भारत से ना उलझने में ही उसकी बेहतरी है। तो क्या पाकिस्तान को समझ आ गया है कि दहशतगर्दी का रास्ता छोड़कर विकासपथ पर चलने से ही तकदीर और तस्वीर बदलेगी। ये सवाल इसलिए क्योंकि पाकिस्तान की शहबाज़ सरकार ने पीएम मोदी (Narendra Modi) से सभी मुद्दों पर बातचीत की अपील की है। अल अरिबिया चैनल को दिए इंटरव्यू में शहबाज़ ने कहा कि, उनका देश भारत से तीन युद्ध लड़ने के बाद सबक सीख चुका है। उनका मुल्क अब जंग की जगह भारत के साथ शांति के साथ रहना चाहता है। शहबाज़ शरीफ ने कहा कि…
”पाकिस्तान सबक सीख चुका है। हम भारत से तीन युद्ध कर चुके हैं। और इन युद्धों का नतीजा ये हुआ कि लोगों के गमों में इज़ाफा हुआ, बेरोज़गारी बढ़ी, गरीबी बढ़ी। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यही संदेश देना चाहता हूं कि एक साथ बैठकर टेबल पर बातचीत करते हैं, गंभीर बातचीत करते हैं, ताकि ज्वलंत मुद्दों को सुलझाया जा सके।”
शहबाज़ शरीफ ने भारत से बातचीत के लिए UAE के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन ज़ायद अल नहयान से अपील की, कि वो मध्यस्थता करें, क्योंकि जितने अच्छे संबंध UAE के पाकिस्तान से हैं, उतने ही भारत से भी हैं।
चंद सेकेंड में पलटी मार गए शहबाज़ शरीफ
शहबाज़ के इंटरव्यू के पहले अंश से लगने लगा था कि वाकई उन्हें सदबुद्धि आ गई है। ऐसा लगने लगा था कि वो भारत से बातचीत करने और शांति के रास्ते पर चलना चाहते हैं। लेकिन, एक बड़ी पुरानी कहावत है, चोर चोरी से जाए, हेरा फेरी से ना जाए। शहबाज़ शरीफ ने इंटरव्यू में अगले ही पल कश्मीर का मुद्दा उठा दिया। पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म शहबाज़ शरीफ ने कहा कि, अगस्त 2019 में आर्टिकल 370 हटाकर भारत ने गलत किया। उन्होंने कहा कि, कश्मीर में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है, और ये बंद होना चाहिए। लेकिन, शहबाज़ शरीफ ये भूल गए कि उनके कब्ज़े वाले कश्मीर में क्या हो रहा है।
पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर में विद्रोह के शोले
पाकिस्तान की सरकार के लिए POK और गिलगित बाल्टिस्तान से बुरी खबर आई। यहां के लोगों ने पाकिस्तान से अलग होने के लिए आंदोलन तेज़ कर दिया और सड़कों पर उतर आए हैं। गिलगित बाल्टिस्तान के लोग तो बॉर्डर के करीब पहुंच गए और भारत में विलय को लेकर नारेबाज़ी करने लगे। ये लोग कारगिल-स्कार्दू रोड खोलने की मांग करने लगे। जबकि, पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में भी लोग सड़कों पर उतरे आए। महंगाई और पाकिस्तान की सेना के जुल्मों के खिलाफ लोगों ने नारेबाज़ी करते हुए POK की आजादी लेकर प्रदर्शन किया।
नीलम घाटी से भी ऐसी ही तस्वीरें सामने आईं। यहां हाड कंपा देने वाली ठंड में लोग महंगाई और आटे की किल्लत के खिलाफ हाथों में पोस्टर-बैनर लिए विरोध प्रदर्शन करते नज़र आए। साथ ही लोगों ने चेतावनी भी दी कि अगर आटे की सप्लाई बढ़ाई नहीं गई तो जनता उग्र आंदोलन शुरु कर देगी।
मुजफ्फराबाद के लोगों ने पाकिस्तान पर दहशतगर्दी फैलाने और उन्हें भारत के खिलाफ जंग में इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए हल्ला बोल दिया।
POK की राजधानी मुजफ्फराबाद की जनता ने भारत का शुक्रिया अदा भी किया, और कहा कि 1947 में उन्होंने पाकिस्तान के कबायलियों से लड़ने के लिए भारत की फौज को दावत दी थी, जिसकी वजह से हज़ारों लोगों की जान बची।