पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने खुलासा किया कि पूर्व ISIS प्रमुख रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद की कथित भ्रष्टाचार के लिए जांच की जा रही है, जबकि उनकी पार्टी के नेता मरियम नवाज शरीफ ने अपने पिता की सरकार को गिराने और दोनों को फंसाने में उनकी कथित भूमिका को लेकर सेवानिवृत्त जनरल के कोर्ट मार्शल की मांग की। इस बीच, जनरल हामिद भी PML-N द्वारा विशेष रूप से मरियम नवाज शरीफ द्वारा उनके खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों की ताजा लहर पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए दिखाई दिए।
बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि पूर्व-इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) बॉस और उनके भाई के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की जांच चल रही थी। हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी इस बारे में कुछ और कहना जल्दबाजी होगी। जब यह बताया गया कि साधन से अधिक संपत्ति की कोई भी जांच संघीय जांच एजेंसी (FIA) के अधिकार क्षेत्र में आएगी, तो सनाउल्लाह ने कहा कि एक जांच पहले से ही चल रही है।
मरियम नवाज़ ने भी पूर्व ISI चीफ पर साधा निशाना
एक नए लॉन्च किए गए डिजिटल समाचार आउटलेट के साथ एक साक्षात्कार में मरियम नवाज़ ने 2017 में NAB भ्रष्टाचार संदर्भों में उन्हें और उनके पिता को दोषी ठहराने में फैज की भूमिका के लिए ISI के पूर्व महानिदेशक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। मरियम नवाज़ ने कहा कि…
''मैंने जनरल हामिद के खिलाफ अदालत में तब बात की थी जब वह आईएसआई प्रमुख थे और मुझे और नवाज शरीफ को सजा दिलाने में उनकी कथित संलिप्तता थी। मेरे पास उसके खिलाफ सबूत हैं।''
बाद में वरिष्ठ पत्रकार कामरान खान ने एक ट्वीट में दावा किया कि ISI के पूर्व प्रमुख ने उनसे संपर्क किया और मरियम नवाज़ शरीफ द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दिया। पत्रकार के अनुसार, जनरल हामिद ने तर्क दिया कि 2017-18 में वो सेना में केवल एक प्रमुख जनरल थे और उन्होंने पूछा कि क्या सैन्य अनुशासन के तहत, एक अकेला अधिकारी सरकार को गिरा सकता है। यही नहीं दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि फैज़ हमीद मरियम नवाज़ से मिलकर गिले शिकवे दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, ये खबर अगर सच निकलती है तो इमरान खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि फैज़ हमीद इमरान के कई राज़ जानते हैं। एक वक्त था जब इमरान खान उनपर आंख मूंद कर भरोसा किया करते थे। इमरान खान ने तो उन्हें सेना प्रमुख बनाने की भी कोशिश की थी, लेकिन तत्कालीन सेना प्रमुख बाजवा ने बाज़ी पलट दी।