Thursday, November 21, 2024
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Pakistan supplying donkey hide to China: गधों की खाल से कंगाली दूर करेगा पाकिस्तान! चीन को गधों की खाल एक्सपोर्ट करने पर समझौता, जानिए ड्रैगन को क्यों चाहिए गधों की खाल

पाई-पाई को मोहताज पाकिस्तान (Pakistan) अब पैसे कमाने के लिए चीन को गधों की खाल (Donkey Hide) बेचेगा। सूत्रों के मुताबिक गधों की खाल को प्रोसेसिंग के लिए चीन (China) भेजा जाएगा। पाकिस्तान की केंद्रीय कैबिनेट ने मवेशियों, डेयरी उत्पादों, मिर्च और गधे की खाल के निर्यात के लिए चीन के साथ समझौता भी कर लिया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, सरकार चीन को गधों की खालें, मिर्चे, बीफ और डेयरी उत्पाद निर्यात करेगी। इसके लिए पाकिस्तान और चीन के बीच 4 अलग-अलग प्रोटोकॉल्स पर दस्तखत किए जाएंगे।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग

चीन में गधों की संख्या कम, मांग ज़्यादा

पूरी दुनिया में गधों (Donkey) की कोई खास क़ीमत नहीं है, लेकिन चीन में गधे बेशकीमती माने जाते हैं। चीन में गधों की डिमांड काफी ज़्यादा है। दरअसल, चीन में गधों की खाल से कई तरह के प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं। गधों की खाल से चीन में कई तरह की दवाईंयां भी बनाई जाती है। इन दवाओं से एनीमिया (Anemia), प्रजनन (Reproduction) और अनिद्रा (Sleeplessness) जैसी बीमारियों का इलाज होता है। जानकारी के मुताबिक गधे की खाल को ब्यूटी प्रोडक्ट (Beauty Product) बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है।

पाकिस्तान में गधों की खाल का अवैध निर्यात

चीनी मीडिया (Chinese Media) की मानें तो चीन को हर साल 40 लाख गधों की ज़रूरत होती है। इसलिए चीन को पाकिस्तान समेत दूसरे देशों से गधे आयात करने पड़ते हैं। पाकिस्तान गधों के मामले में दुनिया का तीसरा बड़ा प्रोड्यूसर मुल्क है। यही वजह है कि कंगाल पाकिस्तान अपनी रोज़ी चलाने के लिए अब गधों पर निर्भर हो गया है। एक अनुमान के मुताबिक साल 2014 से 2016 तक पाकिस्तान ने 2 लाख से ज़्यादा गधे की खाल चीन को भेजी थी। यही नहीं अवैध तरीके से भी चीन को गधे की खाल का निर्यात किया जाता है।

इमरान की ‘गधा’नॉमिक्स के फॉलोअर बने शहबाज़

पाकिस्तानी मीडिया की मानें तो एक गधे की खाल की कीमत करीब 2 लाख रुपए है। यही वजह है कि अवैध रूप से गधों को मारा जा रहा है। लेकिन, सवाल ये है कि अवैध रूप से गधों को मारकर उनकी खालें निकाली जाती हैं, तो बचे हुए गोश्त का क्या होता है। पाकिस्तानी मीडिया की मानें तो कई बार इस गोश्त का इस्तेमाल अवैध रूप से रेस्टोरेंट्स और होटेल में किया जाता है। इमरान खान (Imran Khan) की सरकार के वक्त से चीन को गधों की एक्सपोर्ट में तेज़ी आई थी। और अब उन्हीं के नक्श-ए-कदम पर चलते हुए शहबाज़ शरीफ (Shahbaz Sharif) ने गधों को अपने मुल्क का रहनुमा मान लिया है।

पाकिस्तान की जनता उड़ा रही अपनी सरकार का मज़ाक

पाकिस्तान की सरकार गधों और कुत्तों का एक्सपोर्ट (Export) कर अपनी अर्थव्यवस्था (Economy) को सुधारने की कोशिश कर रही है। लेकिन, पाकिस्तान की अवाम सरकार की इस कोशिश का मज़ाक उड़ा रही है। पाकिस्तान के लोग चीन को गधे और उसकी खाल की सप्लाई करने वाली अपनी सरकार को हिंदुस्तान से सीख लेने की नसीहत दे रहे हैं। यूट्यूब पर एक पाकिस्तानी नागरिक ने कहा कि, ”आप गधों और कुत्तों की वजह से अपनी अर्थव्यवस्था को अच्छा करने की कोशिश कर रहे हों, लेकिन इसके अलग जब हम इंडिया को देखते हैं तो वो IT की चीज़ें, टेक्नोलॉजी बेस्ड चीज़ें एक्सपोर्ट कर रहे हैं। वो खेती की चीजें गेहूं वगैराह, प्याज़ वगैराह, ये चीज़ें एक्सपोर्ट कर रहे हैं। कोई भी कौम हो ना, वो तरक्की इन्हीं चीज़ों पर करती है। ये गधे और कुत्ते वगैराह इनसे कभी किसी कौम ने तरक्की नहीं की।”

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