अमेरिका दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) से मुलाकात हुई तो उन्होंने बाइडन को एक गिफ्ट बॉक्स (Gift Box) दिया। इस गिफ्ट बॉक्स में वो उपहार थे जिन्हें देखते ही जो बाइडन और उनकी पत्नी जिल बाइडन हैरान रह गए। बाइडन के लिए प्रधानमंत्री ऐसे उपहार ले गए थे जिनका हिंदू धर्म (Hindu Religion) में विशेष स्थान और महत्व है। भले ही देखने में ये मामूली लगें, लेकिन इन उपहारों से किसी का भी दिल गदगद हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो बाइडन (Biden) को मैसूर का चंदन (Mysore Sandalwood), तमिलनाडु के तिल (Sesame of Tamil Nadu), पंजाब का घी (Ghee of Punjab), महाराष्ट्र का गुड़ (Jaggery of Maharashtra), उत्तराखंड के चावल (Rice from Uttarakhand) और गुजरात का नमक (Salt from Gujarat) दिया। जबकि बाइडन की पत्नी को 7.5 कैरेट का ग्रीन डायमंड (Green Diamond) दिया। दरअसल, ये तमाम चीजें भारतीय संस्कृति (Indian culture) और हिंदू परंपरा (Hindu tradition) में खास अहमियत रखती हैं। इन्हें दृष्टसहस्त्रचन्द्रो (drishtasahastrachandro) का हिस्सा माना जाता है।
दृष्टसहस्त्रचन्द्रो उपहार के तौर पर उस शख्स को दिया जाता है जो एक हजार पूर्णिमा के चंद्रमा (a thousand Poornima moons) को देख चुका हो। ये उस व्यक्ति को भी दिया जा सकता है, जो 80 साल और 8 महीने की उम्र पूरी कर चुका हो। बाइडेन (Biden) पीएम मोदी (PM Modi) से मुलाकात से सिर्फ एक दिन पहले यानि 20 जून को 80 साल और 8 महीने के हुए हैं। माना जाता है कि इस उपहार को प्राप्त करने वाले व्यक्ति की उम्र बढ़ जाती है।
पीएम मोदी ने जो बॉक्स बाइडन को उपहार में दिया उसपर दृष्टसहस्त्रचन्द्रो लिखा हुआ भी था। इसमें सबसे पहले भगवान गणेश की मूर्ति रखी हुई थी क्योंकि गणपति को विघ्नहर्ता माना जाता है और सभी देवताओं में उनकी पूजा सबसे पहले होती है। इस मूर्ति को कोलकाता के स्वर्णकारों की पांचवीं पीढ़ी ने बनाया है। बॉक्स में चांदी का बना एक दिया भी था जो हिंदू संस्कृति में अहम स्थान रखता है।
दृष्टसहस्त्रचन्द्रो में पीएम मोदी रौप्यदान के तौर पर 99.5% शुद्ध और हॉलमार्क वाला चांदी का सिक्का दिया, जिसे राजस्थान के कारीगरों ने तैयार किया था। लवणदान यानि नमक के दान के लिए गुजरात का नमक अर्पित किया गया। गौदान के लिए पश्चिम बंगाल के कारीगरों द्वारा बनाए गए चांदी का नारियल दिया गया। भूदान यानि भूमि के दान को तौर पर मैसूर के चंदन का एक सुगंधित टुकड़ा दिया गया। जिस बॉक्स में ये तोहफे दिए गए उसे राजस्थान के जयपुर के कारीगरों ने तैयार किया था। ये बॉक्स चंदन की लकड़ी से बना है जिसे कर्नाटक के मैसुरू से मंगवाया गया था।
दृष्टसहस्त्रचन्द्रो में तिलदान के तौर पर तमिलनाडु से लाए गए तिल दिए गए। सोने के दान के तौर पर राजस्थान में बना सोने का सिक्का दिया गया।वस्त्रदान में झारखंड का तुषार सिल्क का कपड़ा। अज्यदान में पंजाब का बना घी। जबकि गुड़दान में उत्तराखंड के चावल और महाराष्ट्र का गुड़ दिया गया। पीएम मोदी के इस बेहद खास तोहफे के साथ पीएम मोदी ने बाइडेन को एक उपनिषद भी उपहार के तौर पर दी। ये उपनिषद लंदन के फेबर एंड फेबर लिमिटेड द्वारा प्रकाशित और यूनिवर्सिटी प्रेस ग्लासगो में मुद्रित है। पीएम मोदी ने 'द टेन प्रिंसिपल उपनिषद' नाम की इस पुस्तक का पहला संस्करण बाइडेन को दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी पीएम मोदी को तोहफे दिए। जो बाइडेन ने उन्हें 20वीं सदी की एक बुक गैले, विंटेज अमेरिकी कैमरा, अमेरिकी वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी से जुड़ी एक किताब और रॉबर्ट फ्रॉस्ट की संग्रहित कविताओं के पहले संस्करण की कॉपी गिफ्ट की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा दोनों देशों के संबंधों को नया आयाम देती नज़र आ रही है। रक्षा, तकनीक, व्यापार समेत कई क्षेत्रों में भारत और अमेरिका के बीच सामंजस्य बढ़ता दिख रहा है। इसका क्षणिक लाभ नहीं बल्कि आने वाले वक्त में बहुत ज्यादा असर देखने को मिलेगा, जिससे दुनिया के उन तमाम देशों को भी फायदा होगा जो विस्तारवाद और आतंकवाद जैसी चुनौतियों से निजात पाना चाहते हैं।