रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को देश को संबोधित किया। यूक्रेन युद्ध के बरसी के ठीक तीन दिन पहले पुतिन ने पश्चिमी देशों खासतौर पर अमेरिका को आड़े हाथों लिया। उन्होंने अमेरिका पर यूक्रेन को यूगोस्लाविया, इराक, लीबिया, सीरिया की तरह तबाह करने का आरोप लगाया। पुतिन ने अमेरिका को दो मुहां सांप बताया। उन्होंने कहा कि, धोखा देना अमेरिका और पश्चिमी देशों की फितरत में है। पुतिन ने कहा कि…
''धोखे का ये भयानक तरीका कई बार पहले परीक्षण किया गया है। उन्होंने यूगोस्लाविया, इराक, लीबिया, सीरिया को नष्ट करते हुए बेशर्मी और दो मुंह वाला काम किया। वो इस शर्म को कभी नहीं धो पाएंगे। सम्मान, विश्वास, दया जैसी चीजें उनके लिए नहीं हैं।''
सोमवार को जो बाइडन गुपचुप तरीके से यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचे थे। वहां से उन्होंने रूस के खिलाफ ज़हर उगला था। बाइडन ने कहा था कि, आज़ादी की इस जंग में अमेरिका यूक्रेन के साथ तबतक खड़ा रहेगा जबतक रूस घुटने नहीं टेक देता। लेकिन, मंगलवार को अपेन संबोधन में पुतिन ने साफ कर दिया कि वो हार नहीं मानने वाले। पुतिन ने अपनी जनता को संबोधित करते हुए कहा कि यूक्रेन युद्ध को जानबूझकर भड़काया जा रहा है। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन युद्ध को वैश्विक संकट बताकर रूस को परास्त करने की कोशिश की जा रही है।
''पश्चिमी देश अपने लक्ष्यों को नहीं छिपाते हैं, वो रूस को रणनीतिक तौर पर हराना चाहते हैं। इसका मतलब क्या है? यह हमारे लिए क्या है? इसका मतलब हमें एक बार और सभी के लिए इस संघर्ष को उसके मुकाम तक लकर जाना है।। इसका मतलब है कि वो स्थानीय संघर्ष को वैश्विक टकराव में बदलने की योजना बना रहे हैं। हम इसे ठीक ऐसे ही समझते हैं। हम उसी के अनुसार प्रतिक्रिया देंगे।''
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका पर प्रॉपगैंडा वॉर चलाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि, अमेरिका और पश्चिमी देशों की लाख कोशिशों के बावजूद जब रूस ने आक्रामकता कम नहीं की तो अमेरिका इनफॉर्मेशन अटैक करने लगा। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की काली करतूतों की वजह से ही रूस को उसके खिलाफ जंग का ऐलान करना पड़ा। उन्होंने डोनबास का उदाहरण देते हुए कहा कि कीव प्रशासन वहां खूनी कार्रवाई करने वाला था।
''खतरा हर दिन बढ़ रहा था, और जानकारी के अनुसार हमें कोई संदेह नहीं रह गया था कि फरवरी 2022 तक डोनबास में अगली खूनी कार्रवाई के लिए सब कुछ तैयार था, जिसके खिलाफ, मैं आपको याद दिला सकता हूं, कीव शासन ने कार्रवाई में तोपखाने को उतार दिया, टैंक, और विमानों को झोंक दिया। दोनेत्स्क के खिलाफ हवाई हमले की तस्वीरें हम सभी को अच्छी तरह याद हैं।''
अपने एक घंटे लंबे भाषण के दौरान व्लादिमीर पुतिन ने तमाम पहलुओं को छुआ। लेकिन, उनका निशाना हर बार पश्चिमी देश ही थे। पुतिन ने कहा कि, यूक्रेन के साथ युद्ध इतना भीषण नहीं होता। इसे बातचीत के ज़रिए सुलझाया जा सकता था। लेकिन, अमरिका और पश्चिमी देशों ने ऐसा होने नहीं दिया। पुतिन ने कहा कि, यूरोपीय देश यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई करते रहे, जिसकी वजह से रूस को आक्रामक तरीके से जवाब देना पड़ा। इस दौरान पुतिन ने अमेरिका पर यूक्रेन को तबाह करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने सीरिया और इराक का उदाहरण दिया।
''धोखे का ये भयानक तरीका कई बार पहले परीक्षण किया गया है। उन्होंने यूगोस्लाविया, इराक, लीबिया, सीरिया को नष्ट करते हुए बेशर्मी और दो मुंह वाला काम किया। वो इस शर्म को कभी नहीं धो पाएंगे। सम्मान, विश्वास, दया जैसी चीजें उनके लिए नहीं हैं''
पुतिन के आक्रामक भाषण और अमेरिका के यूक्रेन को मदद देते रहने के ऐलाम से साफ है कि इस युद्ध का इतनी जल्दी अंत नहीं होने वाला। कुछ जानकारों का मानना था कि बहुत जल्द सीज़फायर का ऐलान हो सकता है। लेकिन, अब इसकी उम्मीद धुंधली होती दिख रही है।