यूक्रेन पर बारूद बरसाने वाले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बहुत जल्द अंडरग्राउंड होने वाले हैं। सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द करने के बाद से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि वो कुछ बड़ा करने वाले हैं। लेकिन, अब जाकर पता चला कि वो यूक्रेन के खिलाफ नई युद्धनीति बनाने के साथ अपनी जान बचाने के लिए अंडरग्राउंड हो जाएंगे। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन और उनका परिवार यूराल के पहाड़ों में स्थित अज्ञात बंकर में आइसोलेशन के लिए जाएगा।
- दरअसल, रूस में इन दिनों फ्लू ने लोगों को बीमार करना शुरु कर दिया है
- पुतिन के करीबी अधिकारी भी फ्लू की वजह से संक्रमण का शिकार हो गए हैं
- ऐसे में पुतिन को फ्लू की चपेट में आने से बचाने के लिए उन्हें आइसोलेशन में रखा जाएगा
- सर्दी शुरू होते ही कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के अलावा रूस इस समय फ्लू और स्वाइन फ्लू के बड़े हमले से जूझ रहा है। लोग तेज़ी से बीमार पड़ रहे हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध हुआ भयंकर
पिछले 11 महीनों से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध एक बार फिर भयंकर मोड़ लेता नज़र आ रहा है। रूस ने ना सिर्फ यूक्रेन की ओर से सीज़फायर के प्रस्ताव को ठुकराया है, बल्कि हमले भी तेज़ कर दिए हैं। गुरुवार को रूस ने खेरसॉन पर रॉकेट बरसाए। एक के बाद एक दागे गए रॉकेट यूक्रेन की सैन्य इमारत पर गिरे जिसकी वजह से दो लोगों की जान चली गई। जानकारी के मुताबिक हमला इतना भयानक था कि यूक्रेनी सेना की इमारत खंडहर में तब्दील हो गई। जबकि, चारों तरफ धूल और धुएं का गुबार छा गया। रूस के मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस ने भी एक वीडियो जारी किया। इस वीडियो में रूस के फाइटर जेट उड़ान भरते नज़र आये। जबकि, थोड़ी देर के बाद ही इन फाइटर जेट्स ने मिसाइलें दागनी शुरु कर दीं। रूस का दावा है कि उसके लड़ाकू विमानों ने यूक्रेन के मिलिट्री ठिकानों पर हमला किया, जिससे यूक्रेन को भारी नुक़सान पहुंचा। यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि रूस ने उसके सात कमांड पोस्ट तबाह कर दिए हैं। जबकि, हमले में उसके सैकड़ों सैनिकों की मौत हुई है।
यूक्रेन का जवाबी हमला, रूसी सेना का दिल दहला !
हालांकि, रूसी हमलों के बावजूद यूक्रेन ने भी जवाबी कार्रवाई जारी रखी। यूक्रेन की सेना ने रूस के कई टैंक तबाह कर दिए। यूक्रेन ने उसके मिसाइल सिस्टम को भी उड़ा दिया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने जनता को संबोधित किया और कहा कि रूस ने हमले तेज़ कर दिए हैं। जिसकी वजह से हालात बेहद खराब हैं। जेलेंस्की ने कहा कि, ” फ्रंटलाइन पर कोई शांति नहीं है। आसान और सरल कुछ भी नहीं है। हर दिन और हर मीटर बेहद कठिन है। खासतौर पर वहां, जहां रूस अपने तोपखाने के ज़रिए ज़मीन पर गड्ढे करने और हमारे सैनिकों का दमन करने में लगा है।” वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने ये भी बताया कि रूस की कैद से कुछ सैनिक आज़ाद होकर आए हैं। लेकिन, उन सैनिकों की हालत अच्छी नहीं है।