ऐसा लग रहा है कि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति (South African President) सिरिल रामाफोसा (Cyril Ramaphosa) रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच जारी जंग (War) को खत्म करवा देंगे। दरअसल, रामाफोसा के साथ 6 अफ्रीकी नेता युद्ध का समाधान खोजने में मदद करने के लिए बहुत जल्द रूस और यूक्रेन की यात्रा पर जाने वाले हैं। इस बात की पुष्टि खुद अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने की है। रामफोसा ने कहा कि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin)और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने मॉस्को (Moscow) और कीव (Kyiv) दोनों जगहों पर मिशन और अफ्रीकी राष्ट्राध्यक्षों से मिलने पर सहमति भी जता दी है।
पुतिन और ज़ेलेंस्की ने किया अफ्रीकी देशों की पहल का स्वागत!
रामाफोसा के मुताबिक उन्होंने पिछले हफ्ते पुतिन और ज़ेलेंस्की के साथ फोन पर अलग-अलग बात की थी। बातचीत में उन्होंने जाम्बिया, सेनेगल, कांगो गणराज्य, युगांडा, मिस्र और दक्षिण अफ्रीका द्वारा तैयार की गई एक पहल प्रस्तुत की थी। सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग की राजकीय यात्रा के दौरान केप टाउन में एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि, हम उम्मीद कर रहे हैं कि युद्ध रोकने पर गंभीर चर्चा होगी। रामफोसा ने कहा कि, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (UN Secretary-General Antonio Guterres) और अफ्रीकी संघ (AU) को इस पहल के बारे में जानकारी दी गई है और दोनों ने इसका स्वागत किया गया है।
जंग से हो रहा है अफ्रीकी देशों को सबसे ज़्यादा नुक़सान
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने मॉस्को और कीव की यात्रा की टाइमलाइन तो नहीं बताई, लेकिन कहा कि दोनों देशों के बीच जारी जंग विनाशकारी रहा है और अफ्रीका भी इससे एक बड़ा नुकसान झेल रहा है। अफ्रीकी देश अनाज की बढ़ती कीमतों और विश्व व्यापार पर प्रभाव से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। वैसे अफ्रीकी मिशन युद्ध रोकने के लिए किए गए अब तक के असफल राजनयिक प्रयासों के बीच मील का पत्थर साबित हुआ तो दुनिया उनकी एहसानमंद होगी। अबतक रूस और यूक्रेन की जंग को रोकने के लिए भारत (India) और चीन (China) राजनयिक कोशिशें कर चुके हैं।