ऐसा पहली बार हुआ जब कोई विदेशी प्रधानमंत्री हिंदू कथानवाचक से रामकथा (Ram Katha) सुनने पहुंचा। उससे भी खास बात ये कि उस प्रधानमंत्री ने सानतन की शक्ति का महिमामंडन किया और कहा कि उन्हें हिंदू होने पर गर्व है। जी हां, हम बात कर रहे हैं ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (British Prime Minister Rishi Sunak) की। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक 15 अगस्त को रामकथा (Ram Katha) सुनने पहुंचे। ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी (Britain's Cambridge University) में मोरारी बापू (Morari Bapu) रामकथा सुना रहे थे। इसी दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक वहां पहुंच गए। जिन्होंने पहले तो हाथ जोड़कर मोरारी बापू को प्रणाम किया, और फिर वहां मौजूद लोगों से मिले। मंच पर विराजमान मोरारी बापू ने ऋषि सुनक का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि, ''ऋषि, का पद तो कितना बड़ा है, लेकिन एक मूल में भारतीय के नाते व्यासपीठ पर आए हैं, मैं एक साधु के नाते आपका सत्कार करता हूं, और आपने दिन भी अच्छा पसंद किया है, आज भारतवर्ष का स्वातंत्र दिन है, भारत के स्वातंत्र दिन पर हमारे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री यहां आए, ये सोने में सुहागा है।'' जिस दौरान मोरारी बापू सुनक का सत्कार कर रहे थे, उस दौरान ऋषि सुनक बार-बार हाथ जोड़कर उनका धन्यवाद करते नज़र आए।
ऋषि सुनक आम आदमी की तरह मोरारी बापू के सामने चेयर पर बैठे थे। उनके साथ कोई लाव-लश्कर नहीं था। वो चेहरे पर मुस्कान लिए मोरारी बापू की बातों को सुन रहे थे। जबकि मोरारी बापू भी ऋषि सुनक के आने से बेहद खुश दिखे। उन्होंने सुनक को आशीर्वाद भी दिया। इसके बाद ऋषि सुनक ने भी मोरारी बापू का सम्मान किया। सबसे पहले उन्होंने मोरारी बापू की व्यासपीठ पर पुष्पांजलि अर्पित की। फिर मोरारी बापू को काले रंग का शॉल ओढाकर उन्हें प्रणाम किया। हालांकि, मोरारी बापू ने वही शॉल ऋषि सुनक को ओढाकर आशीर्वाद दिया, जिसपर पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इसके बाद मोरारी बापू ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को एक शिवलिंग भेंट किया। जिस दौरान हर-हर महादेव के नारे भी लगे और शंखनाद भी हुआ।
मोरारी बापू को ऋषि सुनक का ‘प्रणाम’
एक हिंदू होने के नाते ऋषि सुनक कथावाचक मोरारी बापू का बार-बार हाथ जोड़कर सत्कार करते दिखे। जबकि, अपने संबोधन में उन्होंने सनातन की शक्ति (Power of Sanatan) का ज़िक्र किया। यही नहीं उन्होंने अपने संबोधन में सबसे पहले जय सिया राम (Jai Siya Ram) का जयकारा भी लगाया। सुनक ने भारत के स्वतंत्रता दिवस पर मोरारी बापू की रामकथा में शामिल होने को अपना सौभाग्य बताया। उन्होंने कहा कि व़ो प्रधानमंत्री की तरह नहीं, बल्कि एक हिंदू (Hindu) होने के नाते रामकथा सुनने आए हैं। ऋषि सुनक की ये बात सुनकर लोग तालियां बजाने लगे। जबकि खुद मोरारी बापू भी ताली बजाते नज़र आए। ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने कहा कि उन्हें जितना ब्रिटिश होने पर गर्व है, उतना ही हिंदू होने पर। जिसके बाद कैंब्रिज यूनिवर्सिटी का हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। ऋषि सुनक ने कहा कि उन्हें भगवान के प्रति आस्था से ही अपने देश के लोगों के लिए अच्छा काम करने की प्रेरणा और शक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि, ''मेरे लिए मेरी आस्था बहुत निजी है। इससे मुझे जीवन में प्रेरणा मिलती है। प्रधानमंत्री होना बहुत गर्व की बात है। लेकिन, ये आसान काम नहीं है। बहुत मुश्किल फैसले लेने पड़ते हैं, कठिन विकल्पों से सामना होता है, और हमारी आस्था मुझे हिम्मत और शक्ति देती है, ताकि मैं अपने देश के लिए अच्छे काम कर सकूं।''
ऋषि सुनक को हिंदू होने पर गर्व है
ऋषि सुनक ने बचपन में परिवार के साथ मंदिर जाने के समय को याद किया। उन्होंने कहा कि, सबसे बड़ा मूल्य कर्तव्य या सेवा का है। सुनक ने ये भी बताया कि, 10 डाउनिंग स्ट्रीट में वो अपने डेस्क पर भगवान गणेश की एक मूर्ति रखते हैं। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में रामकथा सुनने पहुंचे ऋषि सुनक ने ये भी बताया कि, वो अपने परिवार के साथ हवन, पूजा और आरती किया करते थे। जबकि अपने भाई-बहनों के साथ प्रसाद भी बांटते थे। वैसे ऋषि सुनक आज भी पूजा पाठ किया करते हैं। आज भी मंदिर जाते हैं। पिछले साल सुनक अपनी पत्नी अक्षता के साथ कृष्ण मंदिर में जनमाष्टमी मनाने पहुंचे थे। जबकि उन्होंने दिवाली भी मनाई थी। ब्रिटेन के पीएम आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट में सुनक अपने हाथों से दिया जलाते दिखे थे। यही नहीं अपने घर पर दिवाली पार्टी भी रखी थी। इसके अलावा उन्होंने गीता की शपथ लेकर प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला था। जबकि अपने आधिकारिक आवास पर पूजा भी रखी थी। ये हिंदू धर्म में आस्था ही है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक हाथ में कलावा बांधते हैं और हर त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। हवन, पूजन से लेकर गौ पूजा तक करते हैं।