PTI प्रमुख इमरान खान (Imran Khan) ने लाहौर से देश को संबोधित किया। PTI द्वारा इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (Islamabad High Court) से उनके अवैध अपहरण और बाद में रिहाई के बाद ये उनका पहला संबोधन था। इमरान खान ने कहा कि, आज हमारा लोकतंत्र एक धागे से लटका हुआ है और न्यायपालिका इसे बचा सकती है। ये माफिया न्यायपालिका पर हमला करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, इसलिए मैं सबसे पहले देश से हमारी न्यायपालिका और संविधान के साथ खड़े होने के लिए कहता हूं। इमरान खान ने कहा कि, पीएम नवाज शरीफ ने एक स्वतंत्र न्यायपालिका को नष्ट कर दिया और जब एक स्वतंत्र न्यायपालिका नष्ट हो जाती है, तो आपकी स्वतंत्रता चली जाती है, क्योंकि न्यायपालिका आपके मौलिक अधिकारों की रक्षा करती है। इसके अलावा इमरान यकान ने कहा कि…
''मुझे जेल जाने से बचाने के लिए मैं न्यायपालिका का शुक्रगुजार हूं। दूसरी बात, मैं उस जनता का भी शुक्रगुज़ार हूं जो बाहर आई, जो शांतिपूर्ण थी, क्योंकि मेरे समर्थक, मतदाता और कार्यकर्ता हमारी 27 साल की राजनीति में हमेशा शांतिपूर्ण रहे हैं। मुझे पता है कि मुझे मारने की योजना बनाई गई थी। मैं इसमें शामिल सभी किरादारों के नाम ऊपर से नीचे तक जानता हूं। मुझे पता है किसने हरी झंडी दिखाई थी। मुझे पता है कि शहबाज शरीफ और राणा सनाउल्लाह ने सारी प्लानिंग की थी।''
इमरान खान ने आरोप लगाया कि सरकार चुनाव कराने से डरती है। पूरे पाकिस्तान (Pakistan) भर में विरोध प्रदर्शन को लेकर इमरान खान ने कहा का अराजकता (Vandalism) कभी भी उनकी रणनीति का हिस्सा नहीं रही है। अराजकता में कभी भी PTI का विश्वास नहीं रहा। सात ही उन्होंने इशारों-इशारों में शहबाज़ सरकार और सेना के इशारे पर देशभर में हिंसा हुई। इमरान खान ने अपने संबोधन के दौरान सेना को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने सवाल किया कि इस्लामाबाद में रेंजर्स क्या कर रहे थे। उन्होंने रेंजर्स पर उनके साथ मारपीट करने का आरोप भी लगाया। जबकि अद कादिर ट्रस्ट मामले पर भी उन्होंने सफाई पेश की। इमरान खान ने कहा कि, जब मैं प्रधानमंत्री बना, तो मैंने नबी की सीख को बढ़ावा देने का फैसला किया क्योंकि हमारी नैतिकता गड्ढे में गिर गई थी और लुटेरे और हड़पने वाले शासन कर रहे थे। अल कादिर विश्वविद्यालय शुरू करने के पीछे मेरा उद्देश्य इस देश में एक नए नेतृत्व को जन्म देना था।
शहबाज़ शरीफ का इमरान समर्थकों को अल्टीमेटम
पाकिस्तान में अराजक स्थिति के बीच मौजूदा प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) ने इमरान खान को सैन्य प्रमुख को उनके निष्कासन और पिछले साल हत्या के प्रयास के लिए कोसने के लिए फिर से लताड़ा। एक ट्वीट में शहबाज़ शरीफ ने सेना प्रमुख (Army Chief) जनरल असीम मुनीर (Asim Munir) की वकालत की और कहा कि खान व्यक्तिगत रूप से उनकी आलोचना कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ द्वारा चलाए जा रहे भ्रष्टाचार सिंडिकेट का खुलासा किया है।
प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) पर इमरान खान द्वारा लगाए गए आरोपों को उनकी बीमार और खराब मानसिकता का उदाहरण बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में अराजकता की स्थिति के पीछे सिर्फ और सिर्फ PTI है। शहबाज़ शरीफ का बयान इस्लामाबाद उच्च न्यायालय द्वारा उनके खिलाफ कई कानूनी मामलों में गिरफ्तारी से व्यापक सुरक्षा प्रदान करने के लगभग 18 घंटे बाद आया है। इस फैसले ने सरकार को तगड़ा झटका दिया था।
इमरान खान को शहबाज़ शरीफ ने दी चेतावनी
पीएम शहबाज़ शरीफ ने इमरान खान की गिरफ्तारी के दिन से सार्वजनिक और निजी संपत्तियों की आगजनी में शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को अल्टीमेटम भी दिया। उन्होंने अधिकारियों को संपत्तियों की तोड़फोड़ में शामिल लोगों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए सभी तकनीकी सहायता और खुफिया जानकारी का उपयोग करने का निर्देश दिया। शरीफ ने जोर देकर कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों के मुकदमे आतंकवाद विरोधी अदालतों में चलेंगे। यहीं नहीं कानून व्यवस्था पर शहबाज़ शरीफ ने सिक्योरिटी एजेंसिज़ के आला अधिकारियों के साथ बैठक भी की।
इमरान की गिरफ्तारी के बाद से जल रहा है पाकिस्तान
गौरतलब है कि इमरान खान को 9 मई को गिरफ्तार किया गया था जब वो इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के अंदर थे। उन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा घसीटा गया था। पीटीआई ने पूर्व प्रधानमंत्री का अपहरण और मारने की कोशिश का आरोप लगाया था। इसके बाद इमरान खान के समर्थकों ने पाकिस्तान में आग लगा दी। पुलिस से झड़प हुई, देश के विभिन्न हिस्सों में वाहनों को जलाया गया और दुकानों में लूटपाट की गई। भीड़ ने रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय पर हमला किया और अन्य सैन्य और सरकारी भवनों पर हमलों के साथ-साथ पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर लाहौर में एक टॉप जनरल के घर में तोड़फोड़ और आग लगा दी।