रूस (Russia) ने बाखमुत (Bakhmut) के एक बड़े हिस्से पर कब्जे का दावा किया तो यूक्रेन (Ukraine) की सरकार ने इलाके में मौजूद अपनी सेना को रेड आर्मी पर धावा बोलने का फरमान दे दिया। जिसके बाद यूक्रेन की सेना पुतिन आर्मी पर टूट पड़ी। यूक्रेन की सेना हवाई हमलों के साथ अपनी आर्टिलरी रेजिमेंट के जरिए बारूद बरसा रही है। यूक्रेन की अज़ोव बटालियन ने होवित्ज़र तोपों से रूसी सेना पर जमकर बमबारी की। यूक्रेनी सैनिकों ने BTR-4 लड़ाकू वाहन से बाखमुत के बाहरी इलाके में पुतिन (Vladimir Putin) के भाड़े के सैनिकों यानि वैगनर ग्रुप के ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले किए। BTR-4 लड़ाकू वाहन से ताबड़तोड़ गोलियां बरसती रहीं और वैगनर ग्रुप (Wagnor Group) के लड़ाके भागते नज़र आए। यूक्रेन ने दावा किया कि उसके सैनिकों ने रूसी सेना के 6 कमांड पोस्ट को तबाह करने के साथ 208 वैगनर लड़ाकों को मार गिराया।
यूक्रेन को करना पड़ रहा है पुराने हथियारों का इस्तेमाल
बाखमुत को बचाना यूक्रेन के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि यूक्रेन की सेना हथियारों की कमी से जूझ रही है। अमेरिका सहित दूसरे पश्चिमी देशों की मदद के बावजूद युद्ध के विस्तार की वजह से यूक्रेन आधुनिक हथियारों की किल्लत का सामना कर रहा है। तो शायद यही वजह है कि यूक्रेन ने युद्ध में एक बेहद पुराने हथियार को उतार दिया है। यूक्रेनी सेना ने प्राचीन सोवियत समय की 240 MM मोर्टार गन को रूस के खिलाफ युद्ध के मैदान में तैनात किया है। इसका नाम M240 है। इसे एक ट्रैक्टर के जरिए जोड़ कर खींचा जाता है, और प्रति मिनट सिर्फ एक गोला दागने की क्षमता रखता है। हालांंकि, इसके बावजूद यूक्रेन की सेना के हौंसले बुलंद है। एक सोशल मीडिया पोस्ट में यक्रेन के सैनिक बर्फ से ढकी सड़क पर पैदल मार्च करते और गाना गाते नज़र आए।
अमेरिका ने नहीं की मदद तो ब्रिटेन पहुंचे जेलेंस्की
यूक्रेन पुराने हथियारों का इस्तेमाल करने को मजबूर है। वहीं उसके सबसे अहम सहयोगी अमेरिका ने उसे सीधे मदद ना देकर पोलैंड को हथियारों की सप्लाई करने का ऐलान किया है। रूस-यूक्रेन युद्ध को देखते हुए अमेरिका ने पोलैंड को 10 अरब डॉलर तक के हाईटेक हथियार बेचने का फैसला लिया है। जिनमें लंबी दूरी की मिसाइलें और रॉकेट लॉन्चर शामिल हैं। हालांकि, पोलैंड अमेरिका की इजाज़त के बिना ये हथियार यूक्रेन को नहीं दे सकता। लिहाज़ा, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के एक साल पूरे होने से कुछ दिन पहले अचानक लंदन पहुंच गए। ज़ेलेंस्की ने बुधवार को पश्चिमी देशों विशेष रूप से ब्रिटेन से लड़ाकू विमानों की मांग की। हालांकि, ब्रिटेन ने फाइटक जेट देने का वादा तो नहीं किया, लेकिन घोषणा की कि वो NATO के लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए यूक्रेनी सैनिकों को ट्रेनिंग देगा।
रूस में ईरान की ड्रोन फैक्ट्री, यूक्रेन की सेना सहमी
रूस-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन के पीछे अमेरिका की अगुआई में NATO खड़ा है जिसमें यूरोप के अधिकांश देश शामिल हैं। तो वहीं रूस को भी ईरान जैसे अपने सहयोगियों से मदद मिल रही है जो अमेरिका की मुखालफत करते आए हैं। लेकिन, अब रूस-ईरान को लेकर जो खबर सामने आई है वो ना सिर्फ अमेरिका बल्कि यूक्रेन की परेशानी बढ़ा सकती है। दरअसल, हाल ही में ईरान और रूस ने समझौता किया है जिसके तहत ईरानी तकनीक वाले ड्रोन अब मॉस्को में भी बनाए जाएंगे। अमेरिका के वॉल स्ट्रीट जर्नल का कहना है कि मॉस्को की फैक्ट्री में कम से कम 6 हजार ड्रोन बनाए जा सकते हैं, जिससे रूस की मारक क्षमता और ज़्यादा बढ़ जाएगी। ईरान ने रूस को पहले ही सैकड़ों ड्रोन दे रखे हैं जिनका इस्तेमाल वो यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में कर रहा है। यही नहीं व्हाइट हाउस का कहना है कि रूस ईरान को इस साल के अंत में रूसी जेट फाइटर देने वाला है, जो रूस की ओर से दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की कोशिश है।