संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने पाकिस्तान के पैसों पर पलने वाले खूंखार आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की (Abdul Rehman Makki) को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया। UNSC के इस कदम पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया देते हुए खुशी जाहिर की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि, हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आईएसआईएल और अल कायदा प्रतिबंध समिति के लश्कर आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के फैसले का स्वागत करते हैं।
- लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ मक्की भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने में शामिल रहा है
- 75 साल का अब्दुल रहमान मक्की कई आतंकी घटनाओं में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल रहा है
- जम्मू-कश्मीर में युवाओं को हिंसा के लिए उकसाने और लश्कर में उनकी भर्ती करने में शामिल रहा है
- अब्दुल रहमान मक्की टेरर फंडिंग के साथ 22 दिसंबर, 2000 को लाल किले पर हमले का आरोपी है
भारत और अमेरिका पहले ही अब्दुल रहमान मक्की को अपने घरेलू कानूनों के तहत आतंकवादी घोषित कर चुके हैं। जबकि, अब उसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किए जाने के बाद अब मक्की की संपत्ति जब्त होगी, यात्रा और हथियार रखने पर प्रतिबंध लग जाएगा।
आतंकवाद पर चीन ने पाकिस्तान का साथ छोड़ दिया ?
हाफिज़ सईद का बहनोई अब्दुल रहमान मक्की आतंकी वारदातों में शामिल रहने के साथ भारत के खिलाफ साज़िश रचने में शामिल रहा है। लिहाज़ा, उसे उसके करतूतों की आधी सज़ा तो मिल गई। अब कोशिश ये होनी चाहिए कि मक्की को गिरफ्तार कर पाकिस्तान उसे भारत को सौंप दे। ताकि लाल किले पर हमले के इस आरोपी को सज़ा दिलाई जा सके। लेकिन, अब्दुल रहमान मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किए जाने के पीछे चीन का बहुत बड़ा किरदार था। चीन लंबे समय से मक्की के नाम पर UNSC में वीटो पावर का इस्तेमाल कर रहा था। चीन बार-बार उसे वैश्विक आतंकी की लिस्ट में डालने से बचा रहा था। ज़ाहिर है, ऐसा वो पाकिस्तान के कहने पर कर रहा था। लेकिन, इस बार चीन ने सबको चौंकाते हुए अपने वीटो पावर का इस्तेमाल नहीं किया और मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने पर सहमति दे दी।
जानकारों का मानना है कि चीन की सरकार ने भारत के दबाव में मक्की पर कार्रवाई होने दी। पिछले साल जूल में चीन ने उसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किए जाने पर अड़ंगा लगाया था, जिसपर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज की थी। यही नहीं जानकारों का ये भी मानना है कि पाकिस्तान इस बार चीन को मना नहीं सका, क्योंकि चीन खुद पाकिस्तान में मौजूद अपने नागरिकों पर आतंकी हमलों से परेशान है। हाल ही में चीन के नए विदेश मंत्री किन गैंग ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को खूब खरी-खोटी सुनाई थी। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को ये सुनिश्चित करना होगा कि चीन के नागरिकों पर आतंकी हमला ना हो। हालांकि, पाकिस्तान ने वादा किया था कि वो चीन के लोगों को अतिरिक्त सुरक्षा देगा। लेकिन, लगता है कि बीजिंग ने इस्लामाबाद के इस वादे पर भरोसा नहीं किया।