नाटो (NATO) शिखर सम्मेलन से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) का गुस्सा सातवें आसमान पर नज़र आया। सबको चौंकाते हुए ज़ेलेंस्की ने अपने मददगार अमेरिका (America) और यूरोपीय देशों की जमकर क्लास लगाई। दरअसल, ज़ेलेंस्की इस बात से नाराज़ हैं कि यूक्रेन को NATO में शामिल किए जाने को लेकर अबतक कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है। रूस (Russia) से दो-दो हाथ कर रहे यूक्रेन को इस वक्त NATO में शामिल होने की सख्त ज़रूरत है। लेकिन, अमेरिका और उसके सहयोगी देश अबतक यूक्रेन को सिर्फ लॉलीपॉप थमाते आए हैं। इसी से नाराज़ होकर ज़ेलेंस्की ने ट्विटर पर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि, ''हम अपने सहयोगियों को महत्व देते हैं। हम अपनी साझा सुरक्षा को महत्व देते हैं। हम हमेशा खुली बातचीत की सराहना करते हैं। लेकिन, विलनियस (Vilnius) में होने वाले नाटो के शिखर सम्मेलन (NATO Summit) में यूक्रेन को शामिल किए जाने पर चर्चा नहीं होगी। ये हमारा अपमान है, जबकि यूक्रेन सम्मान का हकदार है।''
उम्मीद ये है कि नाटो के शिखर सम्मेलन में नए हथियारों के साथ-साथ यूक्रेन को गोला-बारूद की अधिक आपूर्ति का वादा किया जाएगा। पिछले सप्ताह अमेरिका ने यूक्रेन को क्लस्टर बम उपलब्ध कराने की बात भी कही थी। लेकिन यूक्रेन को NATO से हथियारों और गोला-बारूद से कहीं अधिक की जरूरत है। वो चाहता है कि NATO उसे अपने गठबंधन करने पर जल्द से जल्द फैसला ले। यूक्रेन वर्षों से नाटो का दरवाज़ा खटखटा रहा है। वो अब और इंतज़ार नहीं करना चाहता।
NATO के मूल में अनुच्छेद 5 है, जो बताता है कि एक सदस्य पर हमला सभी पर हमला है। सामूहिक रक्षा का ये सिद्धांत यूक्रेन के लिए सुरक्षा प्रदान कर सकता है। लेकिन, नाटो के लगभग सभी सदस्य इस बात पर सहमत हैं कि, जब कोई देश पहले से ही युद्ध में है तो इसे लागू करना बहुत मुश्किल होगा। यही वजह है कि यूक्रेन को NATO में शामिल करने का फैसला अटका हुआ है।
राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) बुधवार को नाटो शिखर सम्मेलन में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से मिलेंगे। अमेरिका ने कहा है कि ये बैठक एकता का प्रतीक होगी क्योंकि शिखर सम्मेलन में ज़ेलेंस्की की उपस्थिति सवालों के घेरे में थी। यूक्रेन में रूस का युद्ध नाटो नेताओं के लिए शीर्ष एजेंडा आइटमों में से एक है, साथ ही युद्धग्रस्त देश को गठबंधन में शामिल करने के लिए भविष्य के रास्ते पर चर्चा भी है, जिससे बाइडन और जेलेंस्की के बीच कुछ मतभेद पैदा हुए हैं।
अमेरिका को नाटो की सदस्यता पर खरी खोटी सुनाने के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने यूक्रेन को NATO शिखर सम्मेलन में बुलाने के लिए धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि, यूरोप और नाटो देशों का आभार जिन्होंने युद्धग्रस्त यूक्रेन को नाटो के शिखर सम्मेलन में शामिल होने का मौका दिया।