यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमीने ज़ापारोवा (Emine Zaparova) चार दिन के भारत दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने मीनाक्षा लेखी समेत कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। कई सम्मेलनों में गईं और यूक्रेन युद्ध की विभीषिका का ज़िक्र किया। लेकिन, बुधवार को उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelensky)द्वारा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक पत्र सौंपा, जिसमें रूस का मुकाबला करने के लिए अतिरिक्त समर्थन की मांग की गई थी। विदेश मंत्रालय के अनुसार, मंगलवार को जब ज़ापारोवा ने उनसे मुलाकात की तो पत्र मंत्री मीनाक्षी लेखी को सौंप दिया गया। मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने भारत से यूक्रेनी लोगों के लिए अधिक मानवीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया, जो पिछले साल घातक युद्ध शुरू होने के बाद से सबसे खराब स्थिति से जूझ रहे हैं।
भारत को यूक्रेन ने बताया ‘विश्वगुरु’, मांगा समर्थन
यूक्रेन (Ukrain) ने इस साल 20 सितंबर को होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में ज़ेलेंस्की की भागीदारी की भी मांग की है। हालांकि अभी तक भारत की ओर से इस मामले पर कोई पुष्टि नहीं हुई है। इससे पहले मंगलवार को यूक्रेन की मंत्री ने नई दिल्ली में एक थिंक टैंक को संबोधित करते हुए जोर देकर कहा था कि कैसे भारत संघर्ष को खत्म करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। भारत को “विश्वगुरु” कहते हुए ज़ापारोवा ने कहा कि, नई दिल्ली को युद्धग्रस्त देश को समर्थन देना चाहिए, अगर वो वास्तव में एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में पहचाना जाना चाहता है।
पाकिस्तान-चीन से सावधान रहने की सलाह
ICWA द्वारा आयोजित ‘व्हाई द वर्ल्ड शुड केयर’ कार्यक्रम के दौरान यूक्रेन की उप विदेश मंत्री ज़ापारोवा ने कहा कि, ‘मैं यहां एक बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश के साथ हूं कि यूक्रेन वास्तव में चाहता है कि भारत और यूक्रेन करीब आएं।’ उन्होंने चीन और पाकिस्तान के अप्रत्यक्ष संदर्भ में भारत को “दंडमुक्ति” को नहीं रोकने के खतरे को पहचानने का संकेत दिया और कहा कि क्रीमिया प्रकरण नई दिल्ली के लिए एक सबक है। ज़ापारोवा ने कहा कि भारत का चीन और पाकिस्तान के साथ भी एक कठिन पड़ोस है और क्रीमिया प्रकरण भारत के लिए भी एक सबक है।