Saturday, July 27, 2024
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गिरफ्तारी को त्योहार की तरह मनाने से दाग नहीं धुलेंगे, जानिए कैसे करप्शन करता है राजनीतिक करियर खत्म

भारत में नेताओं की गिरफ्तारी त्योहार की तरह मनाई जाने लगी है। गिरफ्तार होने वाले नेता को हीरो की तरह प्रोजेक्ट किया जाने लगा है। उसके समर्थन में नारेबाजी होती है, प्रदर्शन होते हैं और उसे आरोपी की जगह पीड़ित के तौर पर प्रदर्शित किया जाता है। ये किसी एक नेता या एक पार्टी के मामले में नहीं होता, बल्कि लगभग हर पार्टी का यही हाल है। आपने पूर्व में भी देखा होगा कि कैसे नेता जेल जाने पर विक्ट्री साइन दिखाते हैं, जैसे कोई बड़ा तीर मारा हो या बड़ा किला फतह किया हो। यही नहीं नेता जब जेल से बाहर निकलता है तो उसका स्वागत करने के लिए चेले-चपाटे एक जनसैलाब पहले से तैयार करके रखते हैं। नेता बाहर आया नहीं की उसे फूलों की माला से लाद दिया जाता है, पुष्पवर्षा की जाने लगती है, और उसकी जय-जयकार तो ऐसे होती है जैसे वो कोई आरोपी नहीं बल्कि देवदूत हो।

सवाल ये है कि क्या माननीय भारत की जनता को मूर्ख समझते हैं। क्या वो ये समझते हैं कि वो अपने ऊपर लगे आरोपों को दूसरे दल की साजिश बताकर क्लीन चिट हासिल कर लेंगे। क्या नेताओं को ये लगता है कि गिरफ्तारी को इवेंट बनाने से उनपर लगे दाग धुल जाएंगे। शायद नेतागण ये भूल रहे हैं कि अब भारत तेज़ी से बदल रहा है, लोगों का नज़रिया बदल रहा है। भारत की जनता को समझ आने लगी है नेताओं की नौटंकी और राजनीतिक दलों की चालबाज़ियां। वरना होने को तो ये भी होता कि नेता के आह्वाहन पर जनता सड़कों पर निकल पड़ती, क्योंकि इसी जनता ने तो इन माननीयों को चुना है। लेकिन, क्या आपने हाल फिलहाल ऐसा कभी होते देखा। इसलिए क्योंकि अब जनता को सच और झूठ में फर्क दिखने लगा है। सोशल मीडिया के जमाने में कुछ भी छिपाना, लोगों को बरगलाना आसान नहीं।

कुछ उदाहरण हैं जिनसे साबित होता है कि भ्रष्टाचार में लिप्त नेताओं का राजनीतिक करियर धीरे-धीरे ढलान पर जाने लगता है। एक वक्त ऐसा आता है जब लोगों को इनके असली आंसू भी घड़ियाली लगने लगते हैं। हर राजनेता किसी न किसी तरह से भ्रष्ट है। हम सभी को न्याय के सामने नहीं ला सकते और अगर उन्हें न्याय के लिए दिखाया भी जाता है, तो वे जानते हैं कि इस गंदगी से कैसे बाहर निकलना है। अब हम आपको भारत के टॉप 10 सबसे भ्रष्ट राजनेताओं की सूची दिखाते हैं। ये सभी राजनेता विभिन्न दलों से संबंधित हैं और भ्रष्टाचार के अलग-अलग मामलों में आरोपी हैं।

1. लालू प्रसाद यादव (RJD) 
- लालू 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले में आरोपी थे और उन्हें दोषी ठहराया गया था। लेकिन वो दूसरों की तरह ही जमानत पर बाहर आए। लेकिन फिर भी उन्हें 6 साल के लिए संसद से अयोग्य घोषित कर दिया गया।
2. ए राजा (DMK)
- वो 76,000 करोड़ रुपये के 2जी घोटाले में मुख्य आरोपी हैं। इस मामले में कई हाई प्रोफाइल बिजनेसमैन और वीवीआईपी भी शामिल थे। यहां तक कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए भी मजबूर होना पड़ा था। 
3. सुरेश कल्माड़ी (कांग्रेस) 
- वो कॉमन वेल्थ गेम घोटाले का मुख्य आरोपी थे। आवंटित 70000 करोड़ में से केवल 35000 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए और शेष केवल उनके द्वारा लिए गए थे। उन्हें तिहाड़ जेल भी भेज दिया गया था और राजनीतिक करियर समाप्त हो गया। 
4. मधु कोड़ा (झारखंड के पूर्व सीएम)
- वो 4000 करोड़ रुपये के अवैध खनन घोटाले में मुख्य आरोपी हैं। उन्हें लूट का 30% हिस्सा भी मिला। वो झारखंड के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने अवैध खनन गतिविधियों को अधिकृत किया था।
5. शरद पवार (NCP)
- शरद पवार भ्रष्टाचार के कई मामलों में आरोपी हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट में उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। लंबे समय से सत्ता से दूर हैं। शिवसेना-कांग्रेस के साथ मिलकर  अघाड़ी सरकार बनाने के अलावा NCP के पास राजनीतिक उपल्बधि गिनाने के लिए कुछ भी नहीं है।
6. मायावती (BSP) 
- गलत उद्देश्यों के लिए अपनी शक्ति का उपयोग करने के लिए अक्सर मायावती की आलोचना की जाती है। उनके ताज हेरिटेज कॉरिडोर मामले में भी एफआईआर दर्ज की गई थी। लंबे समय से सत्ता से दूरे हैं और लगातार जनाधार घटता जा रहा है। 
7. जयललिता (AIADMK) 
- उन्हें निचली अदालत ने दोषी ठहराया था, उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया था। वो सबसे भ्रष्ट राजनेताओं में से एक मानी जाती हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के 46 मामले दर्ज थे। 
8. एम करुणानिधी (DMK) 
- वो दक्षिण में भ्रष्टाचार के बीज बोने वाले माने जाते हैं। वह 'कैश फॉर वोट' घोटाले में अग्रणी खिलाड़ी थे। वह 2जी घोटाले में भी मुख्य आरोपी थे। 
9. बीएस येदियुरप्पा (BJP) 
- उनके खिलाफ पहले से ही भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज हैं। आरोपों के मुताबिक वह कर्नाटक के विभिन्न जिलों में अवैध लौह अयस्क निर्यात घोटाले में शामिल थे। हाल ही में उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया। 

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