बिहार के कटिहार में दो दिसंबर को दो गुटों में हुए गैंगवार के शिकार बने चार लोगों के शव बरामद कर लिए गए, जिसके बाद इलाके में तनाव का माहौल है क्योंकि चारों शव एक ही जाति (यादव जाति) के लोगों के हैं। कटिहार पुलिस ने बरारी थाना क्षेत्र के बखियादियरा से चारों शव बरामद कर लिए। दो गुटों में हुए इस गैंगवार को जातीय रंग देने की साजिश को रोकने के लिए पुलिस की सोशल मीडिया पोस्ट्स पर भी निगाह है। पुलिस ने भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
वर्चस्व की लड़ाई में गोलीबारी
दो दिसंबर को मोहन ठाकुर और पिक्का यादव गिरोह के बीच वर्चस्व की लड़ाई में गैंगवार हुई थी । दियारा क्षेत्र में दोनों गुटों के बीच घंटों सैकड़ों राउंड गोलियां चलीं थीं जिसमें पांच लोगों की मरने की खबरें सामने आई थीं। कई दिनों के बाद पुलिस ने 4 शव बरामद कर लिए जबकि एक की तलाश अब भी जारी है। इस मामले में पुलिस ने 23 लोगों को नामजद किया गया है, जिसमें से 5 की गिरफ्तारी हो चुकी है ।
गैंगवार बहाना, गठबंधन सरकार निशाना ?
कटिहार पुलिस और STF लगातार क्षेत्र में गश्त कर रही है। बाकी बचे अपराधियों को पकड़ने के लिए छापे मार रही है। पुलिस आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दे रही है। जबकि, इस बीच बलरामपुर विधानसभा से CPI-ML के विधायक महबूब आलम ने गैंगवार के पीछे बड़ी साज़िश की आशंका ज़ाहिर की है। उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की है, और आरोप लगाया है कि ये वारदात गठबंधन सरकार को बदनाम करने के लिए की गई ।