Saturday, July 27, 2024
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Demonstration of wrestlers became a platform for Politics: पहलवानों का प्रदर्शन बना राजनीति का मंच, केजरीवाल और प्रियंका गांधी ने दिया पहलवानों को समर्थन, आरोप लगाने वालों पर बरसे बृजभूषण

जिन पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ प्रदर्शन को राजनीति से प्रेरित नहीं बताया था, जिन पहलवानों ने बृंदा करात (Brinda Karat) और विजेंद्र सिंह (Vijender Singh) को मंच पर चढ़ने से रोक दिया था, अब कुश्ती के उन्हीं कर्मवीरों की अंदाज़ बदला-बदला नज़र आ रहा है। पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन पर सवालों की बौछार हो रही है। पहलवानों (Wrestlers) के मंच से राजनेता अपनी राजनीति चमकाने में जुटे हैं। हर किसी को जैसे मोदी सरकार (Modi Govt.) को घेरने का मौका मिल गया है। तो पहले प्रियंका गांधी वाड्र्रा (Priyanka Gandhi Vadra) पहलवानों से मिलने पहुंची, और उसके बाद अरविंद केजरीवाल। दिल्ली के मुख्यमंत्री (Delhi CM) अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कथित यौन उत्पीड़न को लेकर खेल महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से मुलाकात की। अपने बंगले पर किए गए खर्च को लेकर घिरे केजरीवाल ने लोगों से बृजभूषण शरण सिंह के विरोध में देश के शीर्ष एथलीटों का समर्थन करने की अह्वाहन किया। जंतर मंतर पर पहलवानों के बीच खड़े केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा कि…

"एथलीटों ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को गौरवान्वित किया है। लेकिन एक हफ्ते तक उन्हें जंतर-मंतर पर विरोध करने के लिए मजबूर किया गया है। क्यों? क्योंकि एक बड़े राजनेता ने कथित तौर पर महिलाओं और हमारी बहनों के साथ गलत काम किया, जिन्होंने देश को गौरवान्वित किया है।" 
अरविंद केजरीवाल का ट्वीट

केजरीवाल ने कहा कि, “इस देश से प्यार करने वाला हर नागरिक पहलवानों के साथ खड़ा है।” उन्होंने कहा कि, बीजेपी सांसद के खिलाफ लड़ाई में केंद्र सरकार को पहलवानों की मदद करनी चाहिए। वैसे अरविंद केजरीवाल के अलावा कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा, किसान नेता राकेश टिकैत, जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्य पाल मलिक (Satya Pal Malik) , खाप पंचायत नेता, CPI(M) नेता बृंदा करात और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी पहलवानों से मिले।

पहलवानोें से मिलने के दौरान अरविंद केजरीवाल इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाते हुए

बृजभूषण शरण सिंह का आरोपों से इनकार

बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) ने आरोपों से इनकार किया है और कुश्ती निकाय से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। बृजभूषण सिंह ने दावा किया कि पहलवा उनपर लगाए गए आरोपों को साबित करके दिखाएं। बृजभूषण सिंह की मानें तो इस सबके पीछे कई वजहे हैं। पहली वजह है पहलवानों के सिलेक्शन की प्रक्रिया में बदलाव करना। दूसरी वजह है हरियाणा (Haryana) के दबदबे को खत्म करते हुए बाकी प्रदेशों के पहलवानों को तवज्जो देना। तीसरी वजह है कि पहलवानों की नाजायज़ मांगों को मानने से इनकार करना। बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि…

"मैं पूरी तरह से निर्दोष हूं। मैं किसी भी जांच में सहयोग करूंगा... उनकी (प्रदर्शनकारियों की) मांगें लगातार बदल रही हैं। इस्तीफा देने का मतलब आरोपों को स्वीकार करना होगा। इस्तीफा देना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन एक अपराधी के रूप में नहीं, मैं अपराधी नहीं हूं।" 
बृजभूषण शरण सिंह की तस्वीर

जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद भी पहलवानों का आक्रोश

खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने WFI के प्रमुख के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए समिति का गठन किया था। समिति को युवा मामले और खेल मंत्रालय को एक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। रिपोर्ट 5 अप्रैल को दे दी गई थी। लेकिन मंत्रालय ने अभी तक 6 सदस्यीय समिति के निष्कर्षों को सार्वजनिक नहीं किया है। जिसके बाद पहलवानों ने एक बार फिर से मोर्चा खोल दिया। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने कल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख के खिलाफ दो प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की थी। बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट सहित अन्य पहलवानों ने पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

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