तुर्किए में आए विनाशकारी भूकंप के बाद बार-बार पृथ्वी डोल रही है। इस बार एशिया के कई देशों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भारत की राजधानी दिल्ली-NCR समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में मंगलवार रात भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए। इमारतों के हिलने से दहशत में लोग घरों से बाहर निकल आए। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘दिल्ली एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। आशा है कि आप सभी सुरक्षित होंगे।’ इस बीच, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने भूकंप के मद्देनजर दिशानिर्देश जारी किया।
भूकंप के झटके रात करीब 10 बजकर 20 मिनट पर महसूस किए गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली में एक महीने में तीसरी बार झटके महसूस हुए। जबकि यूपी, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, बिहार में भी झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 6.6 आंकी गई। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में रहा। भूकंप के झटके करीब 15 से 20 सेकेंड तक महसूस किए गए। जम्मू, देहरादून, नोएडा, लद्दाख, जयपुर और जालंधर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे दहशत फैल गई और लोगों को अपने घरों से बाहर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।
अफगानिस्तान ही क्यों रहता है भूकंप का एपिसेंटर?
अफगानिस्तान अक्सर भूकंप से प्रभावित होता है, विशेष रूप से हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला में, जो यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है। पिछले साल 22 जून को अफगानिस्तान के पकतिका प्रांत में आए 5.9 तीव्रता के भूकंप में 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे और हजारों लोग बेघर हो गए थे।
पिछले कुछ घंटों में कई बार कांपी है धरती
24 घंटे पहले हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जबकि, साउथ अमेरिकी देश इक्वाडोर में भी शनिवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.8 थी। इस भूकंप के कारण वहां 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि 381 लोगों के घायल होने की खबर है।