इंडिया (India) नाम को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। एक तरफ केंद्र सरकार G20 समिट की मेजबानी को यादगार बनाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है, तो दूसरी तरफ विपक्ष के ज्यादातर दल इंडिया बनाम भारत (Bharat) की लड़ाई में उलझे हुए हैं। दरअसल, राष्ट्रपति (President) की तरफ से भेजे गए G20 डिनर के निमंत्रण पत्र में इंडिया की जगह भारत लिखा हुआ था। जिसके बाद नए विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। यही नहीं विपक्षी दलों ने इसे गुलामी के प्रतीक से जोड़े जाने की वजह से राष्ट्रपति भवन से लेकर सत्ता के तमाम केंद्रों को खाली करने की चुनौती दे डाली। कांग्रेस (Congress) नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने कहा कि, ''ये वायसराय हाउस था। आजादी के बाद ये प्रसिडेंट हाउस बना। तो पहले उसका त्याग करना चाहिए। नॉर्थ ब्लॉक-साउथ ब्लॉक को त्याग करना चाहिए।''
कांग्रेस नेता अधीर रंजन का विवादित बयान
इंडिया की जगह भारत शब्द छपना, सत्ता पक्ष की तरफ से चूक नहीं थी, क्योंकि इसके बाद G20 के लिए जो ऑफिशियल आई कार्ड जारी हुआ, उस पर भी भारत ही लिखा हुआ था। लेकिन, लोकसभा (Lok Sabha) में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आपा खोते हुए अजीब तर्क देने लगे। उन्होंने कहा कि, ''सब भारत बना दो, सब खाली करा दो पहले। और जरूरत पड़े तो गोला दागो और उड़ा दो। अगर इतनी ही नफरत है इंडिया नाम से।'' अधीर रंजन चौधरी इंडिया को हिंदू शब्द से निकला हुआ बताते हुए रिपब्लिक यानी गणतंत्र और योर एक्सलेंसी यानी महामहिम के अर्थ में ही घालमेल भी कर गए। उन्होंने कहा कि, ''रिपब्लिक ऑफ भारत कहने की क्या जरूरत है? रिपब्लिक ऑफ भारत तो ब्रिटिशों की भाषा है, इंग्लिश भाषा है। तो महामहिम ऑफ भारत क्यों नहीं कहते।'' असल में इंडिया की जगह भारत नाम के बदलाव में कांग्रेस साज़िश देख रही है। कांग्रेस को लगता है कि केंद्र सरकार को चुनौती देने के लिए उसने जो नया गठबंधन बनाया, उसने सत्ताधारी दल को ये सब करने के लिए मजबूर किया, क्योंकि NDA को चुनौती देने वाले विपक्षी गठबंधन के नाम का छोटा रूप भी I.N.D.I.A. ही है।
मोदी सरकार INDIA पार्टियों के गठबंधन से घबरा गई है। भारत और INDIA दोनों शब्द संविधान का अटूट अंग हैं।
उनकी नफ़रत और ध्यान भटकाने की राजनीति के लिए कुछ पंक्तियाँ —
तुम बांट रहे हो देश को, हम नहीं, बांट सको हमें, तुममें ये दम नहीं। तख्त का नशा है बस, देश की फिक्र नहीं,… pic.twitter.com/XjZ0gPqA9z
इंडिया की जगह भारत शब्द के इस्तेमाल ने कांग्रेस को असहज कर दिया है। विवाद इतना बढ़ गया है कि इसमें कांग्रेस के एक और कद्दावर नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) भी कूद पड़े हैं। सोशल मीडिया एक्स पर उन्होंने लिखा कि, इंडिया को भारत कहने में संवैधानिक रूप से कोई हर्ज नहीं है। लेकिन इसके साथ ही थरूर ने ये भी कहा कि, उन्हें नहीं लगता कि सरकार इतनी मूर्ख होगी कि इंडिया' को पूरी तरह से त्याग देगी… क्योंकि इंडिया की अपनी एक अलग ही ब्रांड वैल्यू है। लगे हाथ थरूर ने ये दावा भी कर दिया कि इंडिया नाम का सबसे पहले विरोध करने वाले पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्नाह थे, क्योंकि इसका मतलब ये था कि हमारा देश ब्रिटिश राज का उत्तराधिकारी राष्ट्र था और पाकिस्तान एक अलग राष्ट्र। शशि थरूर ने एक और तंज भरे पोस्ट में कहा कि विपक्षी गठबंधन अपना नाम इंडिया की जगह BHARAT भी कर सकता है… जिसका पूरा मतलब Alliance for Betterment, Harmony And Responsible Advancement for Tomorrow मुमकिन है।
We could of course call ourselves the Alliance for Betterment, Harmony And Responsible Advancement for Tomorrow (BHARAT).
Then perhaps the ruling party might stop this fatuous game of changing names.
भारत पर विवाद के बीच बीजेपी का एक और मास्टरस्ट्रोक
इंडिया बनाम भारत पर बहस के बीच विपक्ष को चिढ़ाने वाला एक और निमंत्रण पत्र सामने आ गया। आसियान समिट (ASEAN Summit) में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी (PM Modi) की यात्रा का विवरण जिन दस्तावेजों में है, उसमें भी एक बदलाव दिखा। यहां भी नरेंद्र मोदी के नाम के पहले प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत का जिक्र नजर आया। PM मोदी के जकार्ता रवाना होने से पहले बीजेपी (BJP) के प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर साझा किया। इस बदलाव को विपक्ष के नए गठबंधन ने एक सुर में सत्ता पक्ष का डर बताना शुरू कर दिया। शिवसेना (उद्धव गुट) के संजय राउत ने कहा कि, ''ये विश्व में पहली बार होता है कि कोई राज्यकर्ता कोई रूलर अपने देश के नाम से ही घरबाता है, डरता है।'' जबकि हाजिर जवाब विदेश मंत्री माने जाने वाले एस. जयशंकर (S Jaishankar) ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि, ''इंडिया जो भारत है, ये संविधान में है। मैं हर व्यक्ति को इसे पढ़ने के लिए आमंत्रित करता हूं।''जयशंकर ने भारत शब्द की भावना को उस खास अर्थ, समझ और अनुमान से जुड़ता हुआ बताया जो संविधान और देश की आत्मा और पहचान है।
मायावती और कंगना रनौत ने ‘भारत’ मुद्दे पर कही बड़ी बात
इंडिया बनाम भारत का मामला तूल पकड़ चुका है। BSP प्रमुख मायावती (Mayawati) ने एक तीर से सत्ता और विपक्ष दोनों गठबंधनों पर निशाना साधा है। उन्होंने इस विवाद को आंबेडेकर के बनाए संविधान से छेड़छाड़ की साजिश से जोड़ा है। मायावती ने कहा कि, ''देश के नाम को लेकर अपने संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का मौका BJP के NDA को या खुद विपक्ष ने एक सोची-समझी रणनीति व षडयंत्र के तहत अपने गठबंधन का नाम I.N.D.I.A. रख कर इनको दिया है।'' अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने एक लंबा नोट लिखकर बताया कि भारत नाम इंडिया की तुलना में क्यों सार्थक है। कंगना के मुताबिक सिंधु शब्द का उच्चारण नहीं करने वालों ने इंदुस बोलने के बाद इसे इंडिया में बदल दिया... और भारत के लोगों को गुलाम मानने की वजह से इन्हें रेड इंडियन कहा जाता था। इससे पहले अमिताभ बच्चन और जैकी श्राफ जैसे एक्टर ने भी इस पर जो कुछ लिखा उसे भारत नाम के समर्थन में माना जा रहा है।
What is there to love in this name? First of all they couldn’t pronounce ‘Sindhu’ toh usko bigad ke ‘ Indus’ kar diya. Phir kabhi Hindos kabhi Indos kuch bhi gol mol karke India bana diya. From the time of Mahabharata, all the kingdoms who participated in the Great War of… https://t.co/R11hrMcjbH