- DRDO ने खोजा चीन-पाकिस्तान की मिसाइलों का तोड़
- वैज्ञानिकों ने तैयार की सबसे आधुनिक Interceptor मिसाइल
- नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से DRDO ने तैयार की मिसाइल
- बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस का हिस्सा है AD-1 इंटरसेप्टर
भारत के पास एक से बढ़कर एक मिसाइलें हैं। लंबी और मध्यम दूरी तक मारने करने में
सक्षम ये मिसाइलें हमेशा से पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) को परेशान करती रही हैं।
तो शायद यही वजह भी है कि ये दोनों देश अपने हथियारों के ज़ख़ीरे को लगातार बढ़ा रहे हैं। चीन
ने तो अपनी सबसे शक्तिशाली मिसाइल (Missile) DF-21D से भी कहीं ज़्यादा मारक क्षमता वाली
हाइरपसोनिक (Hypersonic) मिसाइल का परीक्षण किया है। भले ही उसका लक्ष्य इसके ज़रिए अमेरिका
(America) को चुनौती देना हो। लेकिन, भारत के लिहाज़ से भी ये ख़तरे की घंटी है। वहीं बात करें
पाकिस्तान की तो उसने इसी साल अप्रैल में ज़मीन से ज़मीन पर मार करने वाली बैलेस्टिक
मिसाइल शाहीन-3 (Shaheen-3) का सफल परीक्षण कर उसे अपनी सेना में शामिल कर लिया है।
पाकिस्तान का दावा है कि उसकी ये मिसाइल 2,740 किलोमीटर की दूरी तय कर भारत के
कई शहरों को निशाना बना सकती है। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के दृढ़ संकल्प
और DRDO के वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम से हिंदुस्तान ने एक ऐसी मिसाइल बना ली है,
जो आसमान में ही दुश्मन देशों की मिसाइलों को तबाह कर सकती है।
ये मिसाइल नहीं चीन-पाकिस्तान का काल है !
बीते 2 नवंबर को भारत की डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइज़ेशन (DRDO) ने AD-1 इंटरसेप्टर
मिसाइल का सफल परीक्षण किया। AD-1 इंटरसेप्टर मिसाइल भारत के BMD यानि
बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस के फेज़-2 सिस्टम का हिस्सा है, जिसके तहत भारत ऐसी
मिसाइलें तैयार कर रहा है जो आसमान में भी दुश्मन देशों की मिसाइलों को नष्ट कर सकें।
प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक AD-1 इंटरसेप्टर मिसाइल
ने सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य पर निशाना साधा।
चीन-पाकिस्तान के लिए डरना ज़रूरी क्यों ?
- AD-1 इंटरसेप्टर मिसाइल एक लंबी दूरी की इंटरसेप्टर मिसाइल है।
- ये मिसाइल दुश्मन देशों की बैलेस्टिक मिसाइलों को नष्ट कर सकती है।
- ये उन एयरक्राफ्ट्स को भी तबाह कर सकती है जो वायुमंडल में या उससे बाहर उड़ान भरते हैं।
- ये वायुमंडल में धरती की सतह से 20 से 40 किलोमीटर के दायरे में किसी भी बैलेस्टिक मिसाइल को ध्वस्त कर सकती है।
- इसके अलावा धरती से 50 से 150 किलोमीटर की ऊंचाई पर दुश्मन की बैलेस्टिक मिसाइल को नष्ट कर सकती है।
*22 साल बाद भारत को मिला रक्षाकवच *
आज से क़रीब बीस-बाइस पहले चीन और पाकिस्तान ने बैलेस्टिक मिसाइलों को तैयार करने का काम शुरु किया।
जिसके जवाब के तौर पर हिंदुस्तान ने भी लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों को बनाना शुरु किया। साल 2010
तक भारत ने पृथ्वी मिसाइलों के रूप में एक शानदार रक्षाकवच तैयार कर लिया। लेकिन, DRDO के वैज्ञानिक यहीं नहीं
रुके। उन्होंने बैलेस्टिक मिसाइलों को आसमान में ही मार गिराने वाली मिसाइलों यानि एंटी बैलेस्टिक मिसाइलें बनाने का
काम शुरु किया। जो देखते-देखते AD-1 इंटरसेप्टर मिसाइल के तौर पर आज हमारे सामने है।
किन-किन देशों के पास है इंटरसेप्टर मिसाइल
भारत के अलावा कई ऐसे देश हैं जिनके पास इंटरसेप्टर मिसाइलें या कहें आसमान में ही दुश्मन की मिसाइलों
को मार गिराने वाला सिस्टम है, जिसे मिसाइल डिफेंस सिस्टम (Missile defense system) भी कहते हैं।
इन देशों में शामिल हैं।
- रूस
- अमेरिका
- फ्रांस
- इज़रायल
- इटली
- ब्रिटेन
- चीन
- ईरान
हालांकि, हिंदुस्तान अपने रक्षाकवच को और ज़्यादा मज़बूत बनाने की ओर अग्रसर है। DRDO के वैज्ञानिक बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस
प्रोग्राम के तहत पृथ्वी एयर डिफेंस (PAD) और एडवांस्ड एयर डिफेंस (AAD) पर काम कर रहे हैं। पृथ्वी एयर डिफेंस में ज़्यादा
ऊंचाई (high-altitude) पर ही दुश्मन देशों की मिसाइलों को मार गिराने के लिए इंटरसेप्टर मिसाइलें तैयार की जा रही हैं।
जबकि, एडवांस्ड एयर डिफेंस में कम ऊंचाई ( lower altitude) पर मिसाइलों को मार गिराने वाली इंटरसेप्टर मिसाइलें
बनाई जा रही हैं।