गुरुवार को दिल्ली के JNU कैंपस की दीवारों पर आपत्तिजनक और जातिवादी नारे लिखे मिलने से हड़कंप मच गया। स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज़ की दीवारों पर लिखे गए नारों में कुछ जातियों को कैंपस छोड़ने की धमकियां भी दी गईं। ख़बर तो यहां तक है कि जेएनयू में पढ़ाने वाले कई प्रोफेसरों के चैंबर्स को भी निशाना बनाया गया। चैंबर के गेट पर नाम के सामने GO BACK TO SHAKHA लिख दिया गया। यूनिवर्सिटी की दीवारों पर कुछ जातियों के खिलाफ भी भड़काऊ और जहरीले संदेश लिखे मिले। उनको कैपस और देश छोड़कर जाने की हिदायत दी गई। ऐसे एक दो नहीं बल्कि कई नारों से कैंपस की दीवारें रंग दी गईं। इसके अलावा भड़काऊ स्लोगन भी लिखे गए। खून बहाने और बदला लेने की धमकी दी गई । एक जगह लिखा गया कि, ‘THERE WILL BE BLOOD…यहां खून बहेगा’। खास बात ये है कि सारे नारे लाल रंग के पेंट से लिखे गए। लिहाज़ा, ABVP ने दावा किया कि इसके पीछे लेफ्ट छात्र विंग का हाथ है। ABVP अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा कि, ” लेफ्ट के लोगों ने JNU कैंपस में हमेशा से ज़हर घोलने का काम किया है। छात्र समुदाय और समाज के बीच में ऐसी जातिसूचक बातें लिखना, लोगों को गालियां देना, हेट फैक्ट्री JNU को बना दिया है।”
गिरिराज सिंह और अनिल विज ने गज़वा-ए-हिंद की साज़िश बताया। कहा, ऐसी मानसिकता को सख्ती से कुचलना होगा
जेएनयू प्रशासन ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। JNU प्रशासन ने आगे ऐसी हरकत होने पर सख्त एक्शन की चेतावनी दी है। जबकि, बीजेपी ने नफरती और जातिसूचक नारों के पीछे बड़ी साज़िश की आशंका जताई है। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि, ”ये भारत तोड़ो अभियान का हिस्सा लगता है, ऐसी मानसिकता को सख्ती से कुचल देना चाहिए।” वहीं केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इसे टुकड़े-टुकड़े गैंग की साजिश करार दिया।