Wednesday, November 13, 2024
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No Confidence Motion: सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया विपक्ष, सच हुई पीएम मोदी की भविष्यवाणी, हार तय होने के बावजूद ये गेम क्यों, समझिए मायने

मणिपुर हिंसा (Manipur violence) को लेकर मानसून सत्र (monsoon session) में विपक्ष का हंगामा जारी है। विपक्ष ने दो टूक कह दिया है कि मणिपुर पर पीएम मोदी के बयान (PM Modi’s statement on Manipur) से कम कुछ मंजूर नहीं। सरकार गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) के बयान और अल्पकालिक चर्चा के लिए तैयार है। मगर विपक्ष सदन में विस्तृत चर्चा की मांग (Demand for detailed discussion in the House) और पीएम मोदी के बयान (PM Modi’s statement) पर अड़ा हुआ है। ऐसे में संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है।

मणिपुर (Manipur) के मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस (notice of no confidence motion against the government) दिया है। कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने 9 बजकर 20 मिनट पर लोकसभा में सेक्रेटरी जनरल के दफ्तर में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया। ये प्रस्ताव 10 बजे के पहले लाया जाता है। किसी भी सरकार के खिलाफ नो कॉन्फिडेंस मोशन लाने के लिए कम से कम 50 सांसदों के समर्थन की जरूरत होती है। बीआरएस पार्टी ने भी अलग से अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है।

पीएम ने 2019 में कर दी थी अविश्वास प्रस्ताव की भविष्यवाणी

कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है, लिहाजा पीएम मोदी का सदन में दिया वो भाषण वायरल होने लगा, जिसमें उन्होंने पहले ही इस अविश्वास प्रस्ताव की भविष्यवाणी (prediction of no confidence motion) कर दी थी। 7 फरवरी 2019 को पीएम मोदी अपने पहले कार्यकाल का सदन में अंतिम भाषण दे रहे थे। उन्होंने विपक्ष को घेरते हुए कई बातें कही थीं। इनमें से एक बात अविश्वास प्रस्ताव की भी थी। पीएम ने कहा था कि विपक्ष 2023 में फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाएगा। वो बात आज सच साबित होने जा रही है।

पीएम मोदी का 2019 में दिया गया भाषण

कांग्रेस का कहना है कि सरकार से लोगों का भरोसा टूट रहा है। हम चाहते हैं कि पीएम मोदी मणिपुर पर बोले, लेकिन वो बात नहीं सुनते, ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव का फैसला लिया गया है।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पीएम मोदी मणिपुर पर सदन के बाहर तो कहते हैं, मगर सदन के अंदर नहीं बोलते। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव हर वक्त जीतने के लिए नहीं होता, देश को मालूम होना चाहिए कि कैसी तानाशाही चल रही है, विपक्ष का अपमान किया जा रहा है।

संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी

संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि लोगों का पीएम मोदी और बीजेपी पर पूरा भरोसा है। पिछले टर्म में भी विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया था। देश की जनता ने तब भी सबक सिखा दिया था।

जब संख्याबल ही नहीं तो अविश्वास प्रस्ताव के मायने क्या?

मोदी सरकार बहुमत में है (Modi government is in majority), ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव के टिक पाने का कोई प्रश्न ही नहीं है, फिर सवाल ये कि विपक्ष ऐसा कदम उठा क्यों रहा? दरअसल विपक्ष का मकसद ये है कि पीएम मोदी सदन में आकर जवाब दें। जब अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा, तब प्रधानमंत्री को इस पर सदन के अंदर जवाब देना होगा। यही वजह है कि सभी विपक्षी पार्टियां ये जानती हुए कि उनके पास संख्याबल नहीं है, बावजूद इसके अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा।

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