ओडिशा (Odisha) में हुई रेल दुर्घटना (Train Accident) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक समीक्षा बैठक बुलाई। जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी आज ओडिशा दौरे पर दिल्ली से रवाना भी हो सकते हैं। वो पहले बालासोर (Balasore) में दुर्घटनास्थल का दौरा करेंगे और फिर कटक (Cuttack) के अस्पताल का दौरा करेंगे।
इससे पहले पीएम मोदी ने अनुग्रह राशि की घोषणा की थी। ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना में प्रत्येक मृतक के परिजनों को PMNRF से 2 लाख रुपये दिए जाएंगे। जबकि घायलों को 50 हज़ार रुपये दिए जाएंगे।
तीन गाड़ियों की टक्कर से बरपा मौत का कहर
दुर्घटना शुक्रवार शाम करीब 7 बजे कोलकाता से करीब 250 किलोमीटर दक्षिण और भुवनेश्वर से 170 किलोमीटर उत्तर, बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन (Bahanaga Baazar station) के पास हुई। एक अधिकारी के अनुसार बेंगलुरु-हावड़ा ट्रेन (12864), शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) और मालगाड़ी आपस में टकरा गईं। बेंगलुरु से हावड़ा जा रही यशवंतपुर-हावड़ा दुरंतो एक्सप्रेस (12864) के डिब्बे उतरकर दूसरे ट्रैक पर जा गिरे। इसी दौरान दूसरी ओर से आ रही शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन बेपटरी हुए डिब्बों से जा भिड़ी। जबकि इसके कुछ डिब्बे बगल में खड़ी मालगाड़ी से भिड़ गए।
INSIDE STORY OF ODISHA TRAIN ACCIDENT - पहले शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस डिरेल हुई थी। इसके कुछ डिब्बे दूसरी पटरी पर पलटे और उधर से आ रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए। नतीजा ये हुआ कि दोनों ट्रेन की 15 बोगियां पटरी से उतर गईं और दूसरे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से भिड़ गईं। ये भिड़ंत इतनी ज़ोरदार थी की यात्री ट्रेन का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया।
‘कवच’ होता तो इतना बड़ा हादसा ना होता ?
रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा के मुताबिक, रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है और अब रेस्टोरेशन का काम शुरू किया जा चुका है। उन्होंने ये भी बताया कि इस रूट पर ‘कवच’ उपलब्ध नहीं था। दरअसल,भारतीय रेलवे ने अपने पैसेंजर्स की सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए ‘कवच’ का निर्माण करवाया था। माना जा रहा था कि भविष्य में इसके ज़रिए ट्रेन हादसों पर लगाम लगाई जा सकेगी। ये वो तकनीक है जिसमें अगर एक ही पटरी पर ट्रेन आमने-सामने भी आ जाए तो एक्सीडेंट नहीं होगा। सरकार ने तब बताया था कि इस ‘कवच’ टेक्नोलॉजी (Kavach Technology) को जल्द ही देश के सभी रेलवे ट्रैक और गाड़ियों पर इंस्टाल कर दिया जाएगा।
क्या होता है 'कवच' ? - कवच टेक्नोलॉजी को आरडीएसओ (RDSO) ने डेवलप किया था - RDSO ने इसके इस्तेमाल के लिए ट्रेन की स्पीड लिमिट अधिकतम 160 किलोमीटर/घंटा तय की थी - 'कवच' तकनीक का संपर्क पटरियों के साथ-साथ ट्रेन के इंजन से होता है - पटरियों के साथ इसका एक रिसीवर होता है, जबकि ट्रेन के इंजन के अंदर एक ट्रांसमीटर लगाया जाता है - इससे ट्रेन की असल लोकेशन पता चलती रहती है और टक्कर की संभावना ना के बराबर हो जाती है - कवच उस स्थिति में एक ट्रेन को ऑटोमैटिकली रोक देगा, जैसे ही उसे निर्धारित दूरी के भीतर पटरी पर दूसरी ट्रेन के होने का सिग्नल मिलेगा
मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका
इस भयंकर रेल हादसे में अब तक 238 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। जबकि 900 लोग घायल हुए हैं। हालांकि, मृतकों और घायलों का आंकड़ा अभी भी बढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं। अभी तक इस रेल हादसे की वजह साफ नहीं हुई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Railways Minister Ashwini Vaishnaw) के मुताबिक इस एक्सिडेंट का बारीकी से विश्लेषण किया जाएगा। लेकिन, अभी घायलों की देखभाल करना उनकी पहली प्राथमिकता है।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव दुर्घटनास्थल पर पहुंचे और चल रहे बचाव अभियान का जायजा लिया। घटनास्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने घटना की विस्तृत उच्च स्तरीय जांच कराने का आश्वासन दिया। वैष्णव ने कहा, "एक विस्तृत उच्च स्तरीय जांच की जाएगी और रेल सुरक्षा आयुक्त भी एक स्वतंत्र जांच करेंगे।"