राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों जम्मू-कश्मीर में है। आज कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने श्रीनगर के ऐतिहासिक लाल लाल चौक पर तिरंगा फहराया। इसके बाद राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्थानीय कश्मीरी लोगों के साथ राष्ट्रगान भी गाया। राहुल गांधी कांग्रेस के दूसरे नेता हैं, जिन्होंने लाल चौक पर तिरंगा फहराया। इससे पहले केवल पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। राहुल गांधी ने आज जैसे ही लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया, वैसे ही वो सवालों के घेरे में आ गए। दरअसल इस दौरान तिरंगे के पास राहुल गांधी का एक कटआउट लगा था, जो तस्वीरों में ऐसा दिखा कि मानों वो राष्ट्रीय ध्वज से बड़ा हो।
बीजेपी नेता तजिन्दर पाल सिंह बग्गा ने राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है। बग्गा ने तस्वीर शेयर की और लिखा कि ‘राहुल गांधी जी आपको शर्म आनी चाहिए कि आप राष्ट्रीय ध्वज का अपमान कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि गांधी परिवार को देश के बारे में कितना पता है‘
बीजेपी नेता ने सोशल मीडिया पर तिरंगे के नियम भी शेयर किए। इसमें कहा है कि राष्ट्रीय ध्वज के बगल या ऊपर-नीचे से कोई दूसरा झंडा या ध्वज पट नहीं लगना चाहिए। इसके अलावा कोई फूल, हार या फिर प्रतीक भी ध्वज से ऊंचा नहीं होना चाहिए।
हालांकि राहुल गांधी ने भी अपने ट्विटर हैंडल से कार्यक्रम की तस्वीरें शेयर की, मगर उन तस्वीरों को देखकर ऐसा नहीं लग रहा है कि राहुल गांधी का कटआउट राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा है।
जब लाल चौक पर तिरंगे से चर्चा में आए थे मोदी
31 साल पहले लाल चौक पर तिरंगा फहराने को लेकर पीएम मोदी काफी सुर्खियों में आए थे। दरअसल बीजेपी ने साल 1992 में एकता यात्रा निकालने का प्लान तैयार किया था, जिसकी कमान नरेंद्र मोदी के हाथ में थी। उन दिनों जम्मू कश्मीर में आतंकवाद इतने चरम पर था कि लाल चौक पर तिरंगा फहराना खतरे से खाली नहीं था।
मगर नरेन्द्र मोदी ने खुली चुनौती दी थी कि अगर किसी में हिम्मत है तो वो लाल चौक पर तिरंगा लहराने से रोक ले। अपने चैलेंज के मुताबिक मोदी और मुरली मनोहर जोशी 26 जनवरी को श्रीनगर के लाल चौक पर पहुंचे और तिरंगा फहरा दिया। उस वक्त स्थिति ये थी कि आस पास कई राउंड गोलियां चलीं। लेकिन नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी लाल चौक पर तिरंगा फहराने में कामयाब रही।
लाल चौक का महत्व जानिए
श्रीनगर का लाल चौक काफी पुराना और ऐतिहासिक है। मगर एक दौर था, जब इस पर आतंकी साया था। लाल चौक आतंकी और देश विरोधी गतिविधियों के लिए जाना जाता था। लेकिन वक्त बदला और हालात बदल गए। लाल चौक आज देश के गौरवशाली जगहों में से एक माना जाता है। यहां तिरंगा फहराने को लेकर काफी किस्से हैं। जिसकी रोचकता इसे अपने आप में ही खास बनाती है।