Tuesday, October 8, 2024
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Russia Ukraine War: भारत की कूटनीति से टला परमाणु हमला ! मोदी ने पुतिन को मना लिया

रूस और यूक्रेन के बीच काफी लंबे समय से युद्ध चल रहा है, लेकिन इस बीच पूरी दुनिया के लिए राहत की खबर ये है कि ये लड़ाई न्यूक्लियर युद्ध में तब्दील नहीं हुई। इसका श्रेय भारत को मिल रहा है, पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। पुतिन की धमकी के बावजूद ये जंग न्यूक्लियर वॉर में नहीं बदली, इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की। अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के डायरेक्टर बिल बर्न्स ने इस इस बात को माना और भारत की कूटनीतिक रणनीति की जमकर तारीफ की।

सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) के प्रमुख बिल बर्न्‍स ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों का रूस के फैसलों पर असर रहा है। उन्होंने कहा कि “पीएम मोदी ने बार-बार परमाणु हथियारों के इस्‍तेमाल को लेकर चिंता जताई। मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग की बातें रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन का मन बदलने में कामयाब रहीं। मेरे हिसाब से उसका असर रूसियों पर पड़ा। उन्होंने ये भी कहा कि यूक्रेन युद्ध के दौरान परमाणु हथियारों के इस्तेमाल करने की रूस की योजना का कोई साफ सबूत नहीं दिखता”।

जब से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ है, उसके बाद से ही भारत बातचीत और कूटनीति के ज़रिए शांति स्थापित करने की कोशिश में जुटा है। इसी शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूसी राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बातचीत भी हुई थी। PMO के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन के सामने बातचीत और कूटनीति के अपने आह्वान को फिर से दोहराया। इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के साथ नियमित रूप से संपर्क में रहने पर सहमति व्यक्त की थी। यही नहीं भारत यूक्रेन के साथ भी लगातार बातचीत करता रहा है। अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी बात की थी। टेलीफोन पर बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने संभावित परमाणु युद्ध को लेकर चिंता ज़ाहिर की थी।

युद्ध के बीच 3 दिसंबर को रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन को परमाणु युद्ध की चेतावनी दी थी। बावजूद इसके पुतिन ने न्यूक्लियर बटन नहीं दबाया। माना जा रहा है कि इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील और भारत की कूटनीति का सबसे बड़ा योगदान रहा, जो भारी नुकसान के बावजूद ये जंग न्यूक्लियर वॉर में तब्दील नहीं हुई। सितंबर में समरकंद में हुए शंघाई सहयोग संगठन की समिट में रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मोदी ने कहा था कि आज का युग युद्ध का नहीं है। इस पर पुतिन ने कहा था कि मैं यूक्रेन संघर्ष पर आपकी स्थिति के बारे में जानता हूं। हम चाहते हैं कि ये सब जल्द से जल्द खत्म हो जाए।

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