दिल्ली के रोहिणी स्थित फॉरेंसिक साइंस लैब में आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट एक दिन पहले ही पूरा हो गया। चार दिनों तक चले इस पॉलीग्राफ टेस्ट में आफ़ताब ने अपना गुनाह कबूल कर लिया । आफ़ताब ने ज्यादातर सवालों के जवाब बेहद इत्मीनान से दिए। FSL के अधिकारियों के मुताबिक़ आफ़ताब ने माना कि उसके कई लड़कियों से रिश्ते थे।
आफ़ताब का कबूलनामा
एक्सपर्ट, FSL- क्या आपने श्रद्धा की हत्या की?
आफ़ताब - हां
एक्सपर्ट, FSL- क्या 18 मई को हत्या की?
आफ़ताब - हां
एक्सपर्ट, FSL- क्या श्रद्धा को मारने की साज़िश पहले ही रची थी?
आफ़ताब - हां
एक्सपर्ट, FSL- क्या तुम्हें श्रद्धा को मारने का अफ़सोस है?
आफ़ताब - नहीं
पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान आफताब ने बताया कि वो हत्या के मक़सद से ही श्रद्धा को दिल्ली लेकर आया था और उसकी साज़िश की भनक उसके परिवार को भी नहीं थी। वैसे, आफताब ने पॉलीग्राफ टेस्ट में जिस तरह के जवाब दिए, उससे माना गया कि उसने यहां भी पुलिस को छका दिया। अब आफ़ताब का नार्को टेस्ट होना है। संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो पुलिस कोर्ट से आफताब के ब्रेन मैपिंग टेस्ट की मांग कर सकती है। क्या होता है ब्रेन मैपिंग जानिए…
- इसमें ब्रेन तक संदेश पहुंचाने वाले तरंगों को मॉनिटर किया जाता है
- आजकल हार्डकोर क्रिमिनल्स से राज उगलवाने के लिए ब्रेन मैपिंग टेस्ट होता है
- इस टेस्ट में हेलमेट जैसा एक हेडबैंड पहनाया जाता है
- जिसमें दिमाग की हलचल मापने के लिए सेंसर लगे होते हैं
- जो एक डिवाइस से जुड़ा होता है ताकि मस्तिष्क के इलेक्ट्रिकल बिहेवियर को पकड़ा जा सके
- एक्सपर्ट क्राइम से जुड़ी तस्वीरें, वीडियो और आवाज सुनाते हैं
- इसका दिमाग पर क्या असर पड़ता है उसे मॉनिटर करते हैं
- इससे पता चलता है कि जिसका टेस्ट हो रहा है वो कितना सच और कितना झूठ बोल रहा है