दक्षिण अफ्रीका (South Africa) ने भारत के चीता प्रोजेक्ट (Cheetah Project) का बचाव किया है। मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में दो चीतों की मौत (death of two cheetahs) को दक्षिण अफ्रीका सरकार (Government of South Africa) ने स्वाभाविक मौत (Natural Death) बताया। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है। बड़े मांसाहारियों को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करना बेहद जटिल और स्वाभाविक रूप से जोखिम भरा ऑपरेशन (Risky Operation) होता है। दक्षिण अफ्रीका के वानिकी, मत्स्य पालन और पर्यावरण विभाग (DFFE) ने कहा कि दो चीतों की मौत संरक्षण परियोजना की अपेक्षित मृत्यु दर के भीतर है।
चीते की आबादी बढ़ाने के लिए अफ्रीका से चीतों को भारत लाया गया था। लेकिन 24 अप्रैल को दक्षिण अफ्रीका से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में लाए गए चीतों में से एक ‘उदय’ (Cheetah Uday) की बीमार पड़ गया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने बताया कि मृतक चीता ‘उदय’ 6 साल का था। करीब एक महीने में पार्क में चीते की मौत की ये दूसरी घटना थी। इससे पहले 27 मार्च को, नामीबिया से भारत लाए गए आठ चीतों में से एक, पांच साल की साशा (Cheetah Shasha) की जनवरी में मौत हो गई थी। उसकी किडनी में संक्रमण के बाद किडनी फेल हो गई थी।
दक्षिण अफ्रीकी विभाग ने एक बयान में कहा कि शव परीक्षण का इंतजार (Waiting for Autopsy) है लेकिन इस बात का कोई संकेत नहीं है कि चीते की मौत किसी संक्रामक बीमारी से हुई है और कूनों में मौजूद अन्य चीतों के लिए कोई ऐसा ही खतरा है। विभाग ने आगे कहा कि बचे ग्यारह दक्षिण अफ़्रीकी चीतों को अगले दो महीनों में मुक्त स्थिति में छोड़ दिया जाएगा। छोड़े गए चीतों में से कई कूनो नेशनल पार्क की सीमाओं से बाहर निकल जाएंगे और उन्हें पुनः कब्जा करने की प्रक्रिया के दौरान अल्पकालिक तनाव से गुजरना पड़ सकता है। एक बार जब चीते होम रेंज स्थापित कर लेंगे, तो स्थिति स्थिर हो जाएगी।