प्रयागराज और आसपास के जिलों में दहशत का पर्याय बन चुके अतीक अहमद (ATIQUE AHMED) और उसके भाई अशरफ (ASHRAF AHMED) की तीन युवकों ने हत्या कर दी। क्यों की, किसने कहने पर की, इसपर पुलिस जांच की चल रही है। लेकिन, अतीक और अशरफ को सरेराह गोलियों से भूनने वाले आरोपी लवलेश तिवारी (LAVLESH TIWARY), अरुण मौर्य (ARUN MAURYA) और सनी सिंह (SUNNY SINGH) मामूली अपराधी नहीं है। ये इतने शातिर हैं कि यूपी पुलिस और SIT को चकमा देने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तीनो आरोपियों को किसी भी तरह का खौफ नहीं है। ये पुलिस कस्टडी में आराम से खा-पी रहे हैं और सामान्य व्यवहार कर रहे हैं। इस हत्याकांड में शामिल सबसे कम उम्र का शूटर अरुण मौर्य तो SIT का पूछताछ में ऐसा व्यवहार कर रहा है जैसे कोई शाति अपराधी करता है। पूछताछ के दौरान उसके चेहरे पर ज़रा भी शिकन नहीं दिखती, जबकि वो हंसता रहता है। इतना ही नहीं अतीक और अशरफ को मौत के घाट उतारने वाले शूटर अलग-अलग गिरोहों का नाम बताकर पुलिस को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। शायद उनका मकसद इस हत्याकांड के पीछे छिपे मुख्य किरदार या कहें मास्टरमाइंड का बचाव करना हो।
अतीक की हत्या में शामिल है दिल्ली का गोगी गैंग ?
यूपी पुलिस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अबतक की पूछताछ में पता चला है कि आरोपी लवलेश, सनी और अरुण एक दूसरे को नहीं जानते थे। इनका मुलाकात दिल्ली-NCR के किसी शहर में हुई। यहां इन तीनों ने एक अच्छा खासा वक्त गुज़ारा। सूत्रों की मानें तो शूटर सनी सिंह ने पुलिस को बताया है कि दिल्ली में रहने के दौरान उनकी मुलाकात जितेंद्र गोगी गिरोह (JITENDRA GOGI) से हुई। कानपुर के रहने वाले और गोगी गिरोह के सदस्य बाबर ने उनकी मुलाकात गोगी गिरोह से करवाई। सनी ने दावा किया है कि गोगी गिरोह उनसे दिल्ली-NCR में कोई बड़ी वारदात करवाना चाहता था। इस वारदात को अंजाम देने के लिए गोगी गैंग ने ही चैनल की ID, कैमरा और ID कार्ड शूटर्स को दिलवाया था, जिसका इस्तेमाल तीनों शूटर्स ने अतीक-अशरफ हत्याकांड में किया। इस बीच SIT ने बांदा से 3 लोगों को हिरासत में लिया है। जानकारी के मुताबिक ये तीनों अतीक और अशरफ की हत्या के मुख्य आरोपी लवलेश तिवारी के दोस्त हैं। बताया जा रहा है कि लवलेश तिवारी को उसके इन्हीं तीनों दोस्तों ने मीडिया की ट्रेनिंग दी थी।
सुंदर भाटी गैंग ने शूटर्स को दी थी जिगाना पिस्तौल ?
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को मौत के घाट उतारने वाले तीनों आरोपी कितने शातिर हैं इसका अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इन्होंने सिर्फ दिल्ली के कुख्यात गोगी गैंग का नाम ही नहीं लिया, बल्कि कहीं ना कहीं वेस्टर्न यूपी में सक्रिय सुंदर भाटी गैंग (SUNDAR BHATI) से संबंध होने की ओर भी इशारा किया। सूत्रों की मानें तो पूछताछ के दौरान आरोपी सनी सिंह ने किसी रूप में भाटी गैंग का नाम भी लिया है। दरअसल, सुंदर भाटी 2015 से हमीरपुर जेल की बैरक नंबर-2 में बंद था। सनी सिंह को भी भाटी की बैरक में रखा गया। इस दौरान दोनों में नजदीकियां बढ़ीं। सनी को 31 जनवरी 2020 में हमीरपुर (HAMIRPUR) से कानपुर (KANPUR) जेल ट्रांसफर किया गयाा। कानपुर जेल में सनी की सुंदर भाटी गैंग के शूटर दिनेश भाटी से मुलाकात हुई। करीब 16 महीने तक दिनेश भाटी और सनी सिंह एक ही जेल में रहे। दावा किया जा रहा है कि इस दौरान दोनों के बीच दोस्ती हुई। इसी दोस्ती का फायदा उठाकर आरोपियों ने जिगाना और गिरसान जैसी प्रतिबंधित पिस्तौलें हासिल कीं।
लॉरेंस बिश्नोई तक पहुंची अतीक हत्याकांड की तफ्तीश
अतीक अहमद और अशरफ की हत्या में एक तीसरे गैंग का नाम भी है। ये गैंग कोई और नहीं बल्कि बिश्नोई गैंग है। दरअसल, आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया था कि वो लॉरेंस बिश्नोई (LAWRENCE BISHNOI) को अपना रोल मॉडल मानते थे। वो चाहते थे कि लॉरेंस की ही तरह जुर्म की दुनिया में उनका नाम हो। हालांकि, इससे बिश्नोई गैंग से आरोपियों का संबंध पुख्ता नहीं होता। लेकिन, अतीक के हत्यारोपियों और बिश्नोई गैंग के बीच एक कड़ी है जिससे शक की सुई लॉरेंस बिश्नोई की ओर भी घूमती है। उस कड़ी का नाम है सुंदर भाटी। भले ही सुंदर भाटी अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन, बताया जाता है कि जो वो जिंदा था तो उसके लॉरेंस बिश्नोई से अच्छे संबंध थे। कई अपराधों को बिश्नोई और भाटी गैंग ने एक साथ मिलकर अंजाम दिया था। ऐसे में बहुत मुमकिन है कि 15 अप्रैल को प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल के बाहर हुई वारदात में लॉरेंस बिश्नोई का भी हाथ हो। हालांकि, लॉरेंस बिश्नोई की जब पटियाला हाउस की स्पेशल कोर्ट में पेशी हुई थी तो उसने इस बाबत पूछे गए सवालों का कोई जवाब नहीं किया था।