चिलचिलाती गर्मी में बारिश (Rain) एक तरफ तो राहत बरसा रही है, मगर दूसरी तरफ किसान इस बारिश से परेशान (Farmers Upset due to Rain) हैं। उनकी फसलें खराब (Crops Wasted) हो रही हैं। जिसका असर आम आदमी की भी जेब पर पड़ रहा है। लगातार हो रही बारिश ने टमाटर के दाम आसमान पर पहुंचा दिए हैं (Tomato prices increased due to rain)।
बारिश से फसल खराब होने से महंगा हुआ टमाटर
टमाटर के दाम लोगों को चौंका रहे हैं। 20-30 रुपए किलो बिकने वाले टमाटर की कीमत 100 रुपए के पार हो गई है। अब सवाल ये है कि टमाटर अक्सर इसी मौसम में महंगा क्यों हो जाता है? इस पर व्यापारियों का कहना है कि यूपी-एमपी, हरियाणा और राजस्थान में फसल खराब हो गई (Crop wasted in UP-MP, Haryana and Rajasthan)। जिसका नतीजा ये है कि दिल्ली की मंडी हिमाचल के भरोसे चल रही है। इसीलिए दाम तेजी से बढ़े हैं।
किस शहर में टमाटर का कितना दाम
लखनऊ के कई व्यापारियों का कहना है कि लोकल टमाटर सड़ रहा है। इसीलिए बेंगलुरू से टमाटर मंगाना पड़ रहा है। जिसकी वजह से दाम भी बढ़ गए हैं। कुल मिलाकर ऐसे समझिए कि मांग ज्यादा है और आपूर्ति कम। इसीलिए टमाटर के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। लखनऊ में टमाटर 120 रुपए किलो बिक रहा है। मुंबई में इसके दाम 80 से 90 रुपए किलो हैं। दिल्ली की ओखला मंडी में टमाटर के दाम 100 रुपए प्रति किलो चल रहा है। मुरादाबाद की मंडी में भी टमाटर 100 रुपए किलो मिल रहा है।
हर साल बारिश में महंगा हो जाता है टमाटर
बीते तीन सालों में बारिश में टमाटर के दाम बढ़ते देखे गए हैं। पिछले साल जून के महीने में टमाटर की कीमत 60-70 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई थी। इससे पहले साल 2021 में जून में टमाटर के दाम 100 रुपए पहुंचे थे और साल 2020 में टमाटर 70 से 80 रुपए किलो बिका था।
कब घटेंगे टमाटर के दाम ?
टमाटर के थोक व्यापारियों का कहना है कि अगले एक महीने तक टमाटर के दाम बढ़े रहेंगे। यानि कि पूरा जुलाई ऐसा ही चलने वाला है क्योंकि खपत ज्यादा है और सप्लाई काम। नई फसल के मार्केट में आने के बाद ही दाम नीचे आएंगे। टमाटर के भाव अचानक बढ़ जाने से ग्राहक ही नहीं दुकानदार भी परेशान हैं। उनका कहना है कि लोग टमाटर का दाम पूछने के बाद उन पर भड़क जाते हैं। उन्हें लुटेरा कहते हैं। 2-2 किलो टमाटर ले जाने वाले लोग सिर्फ 1 पाव टमाटर खरीद रहे हैं।