Sunday, September 8, 2024
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Bihar: नीतीश कुमार ने क्यों ठुकराया संयोजक का पद? I.N.D.I.A अलायंस को अलविदा कहने की तैयारी या अपमान का बदला?

बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने I.N.D.I.A गठबंधन का संयोजक बनने से इनकार कर दिया। शनिवार को विपक्षी गठबंधन की वर्चुअल बैठक में नीतीश कुमार ने साफ कर दिया की उनकी किसी पद में कोई दिलचस्पी नहीं है। नीतीश कुमार ने कहा कि कांग्रेस को ही ब्लॉक का चेयरमैन बनना चाहिए। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को I.N.D.I.A गठबंधन का चीफ बना दिया गया। लेकिन, नीतीश कुमार के संयोजक बनने से इनकार करने पर हर कोई हैरान है। हर किसी के मन में सवाल है कि आखिर नीतीश कुमार ने संयोजक बनने से इनकार क्यों किया? 

विपक्षी गठबंधन को दिया अपमान का जवाब?

नीतीश कुमार के संयोजक बनने से इनकार करने के कई कारण हो सकते हैं। बहुत मुमकिन है कि संयोजक पद ठुकरा कर नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों के गठबंधन को अपने अपमान का जवाब दिया हो। राजनीति के जानकारों का मानना है कि नीतीश बाबू गठबंधन के अपने सहयोगियों के व्यवहार से दुखी थे। दरअसल, I.N.D.I.A गठबंधन की इससे पहले हुई बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए मल्लिकार्जुन खरगे के नाम का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, इसे लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई थी। लेकिन, इसके बाद नीतीश कुमार की पार्टी के कई नेताओं की ओर से आक्रामक प्रतिक्रियाएं आई थीं। कहा जा रहा था की दीदी और केजरीवाल के प्रस्ताव से नीतीश बाबू आहत हो गए थे। 
फोटो: सौजन्य. @INCIndia

प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी से कम मंजूर नहीं?

जात भी गंवाई औ भात भी न खाया। बिहार के मुख्यमंत्री इस कहावत को चरित्रार्थ नहीं करना चाहते। माना जा रहा है कि वो प्रधानमंत्री से कम कुछ और नहीं चाहते। हो सकता है कि नीतीश कुमार ने संयोजक का पद इसीलिए ठुकराया हो। वो ये संकेत देना चाहते हों कि प्रधानमंत्री के चेहरे पर उन्हें पेश किया जाए, इससे कम पर वो नहीं मानने वाले। वैसे भी I.N.D.I.A के गठन से पहले ही नीतीश कुमार को पीएम के चेहरे के तौर पर पेश किया जाता रहा है। यही नहीं बिहार में तो इसके पोस्टर भी लग गए थे। केंद्र में नीतीश और राज्य में तेजस्वी के पोस्टर्स पटना में जगह-जगह नज़र आए थे। 

NDA में वापसी का रास्ता खुला रखना चाहते हैं नीतीश?

बीजेपी समेत NDA की कई पार्टियां नीतीश को पलटू कुमार कहकर बुलाती है। नीतीश कुमार ने इसे कई मौकों पर सही भी साबित किया है। कभी वो आरजेडी से हाथ मिला लेते हैं तो कभी बीजेपी से। ऐसे में एक संभावना ये भी है कि वो दोबारा बीजेपी से जुड़ना चाहते हों। लेकिन, इसके लिए उन्हें विकल्प खुला रखना पड़ता। ऐसा वो तभी कर सकते थे जब वो संयोजक या अध्यक्ष पद अस्वीकार करते। लिहाज़ा, कहा जा रहा है कि संयोजक पद ठुकरा कर उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले NDA में जाने का विकल्प खुला रखा है। कहा तो ये भी जा रहा है कि वो गठबंधन के भविष्य को लेकर आशंकित हैं। आपको भी याद होगा कि कई मौकों पर नीतीश और उनकी पार्टी ये बात कह चुकी है कि बीजेपी चुनाव की तैयारियों में जुट भी गई है, जबकि I.N.D.I.A गठबंधन सीटों का बंटवारा तक नहीं कर सका है।

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