रविवार को कई खाप पंचायतों (khap Panchayat) और प्रदर्शनकारी पहलवानों ने केंद्र सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम जारी कर भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारी पहलवानों के समर्थन में हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की करीब 250 खापों के प्रतिनिधि, सैकड़ों किसानों के साथ जंतर-मंतर पर जमा हुए। दिल्ली में पालम खाप के अध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि, खापों, पहलवानों और किसान संघों की आज (रविवार) को बैठक हुई जिसमें हमने बृजभूषण सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए 10 दिन का समय दिया है और अगर ऐसा नहीं होता है तो हम फिर से मिलेंगे और विरोध और तेज होगा। उन्होंने कहा कि खाप और किसान संघों से समर्थन प्राप्त करते हुए पहलवान विरोध का नेतृत्व करेंगे। सोलंकी ने कहा कि, “हर दिन, एक खाप और उसके सदस्य जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण धरने में भाग लेंगे। पहलवानों द्वारा कार्रवाई का निर्धारण किया जाएगा और हम उनके निर्देशों का पालन करेंगे।”
खिलाड़ियों के प्रदर्शन में किसानों की एंट्री
भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रदर्शनकारी पहलवानों को अपना समर्थन देने के लिए किसानों ने रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर इकट्ठा होना शुरू कर दिया। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि अगर यौन शोषण का एक भी आरोप साबित हुआ तो वो खुद को फांसी लगा लेंगे। एक वीडियो बयान में,बृजभूषण सिंह ने कहा कि वो सभी मुद्दों पर खुले तौर पर चर्चा नहीं कर सकते हैं क्योंकि मामले की जांच दिल्ली पुलिस द्वारा की जा रही है और पीड़ित पहलवानों को आरोपों की पुष्टि करने वाले सबूत पेश करने की चुनौती दी।
दिल्ली पुलिस मुस्तैद, बॉर्डर पर बढ़ाई सुरक्षा
दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर और शहर के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहनों की जांच की जा रही है और दिल्ली-गाजीपुर, टिकरी और सिंघु सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी गई है। विरोध स्थल के साथ-साथ दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में भी बैरिकेड्स लगाई गई हैं।
पहलवानों के प्रदर्शन का 2024 लोकसभा चुनाव कनेक्शन?
पहले जांच समिति की मांग की गई, सरकार ने मान लिया। फिर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) चले गए। पहलवानों ने अर्जी लगाई कि कुश्ती महासंघ के प्रमुख के खिलाफ FIR दर्ज कराई जाए। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने FIR भी दर्ज कर ली। लेकिन, अब पहलवान नई मांगों के साथ दंगल में उतर आए हैं। मांग है कि बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार किया जाए। यही नहीं विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने राजनीतिक दलों के साथ खाप पंचायतों को भी अपने तथाकथित आंदोलन में शामिल कर लिया। विनेश फोगाट ने तो यहां कह दिया कि वो खाप पंचायतों की ही बात मानेंगे। खाप पंचायतों के बड़े बुजुर्ग जो कहेंगे, पहलवान वही करेंगे। तो फिर सवाल ये है कि,सरकार, अदालत और पुलिस का क्या काम। पहलवानों ने सरकार से जांच समिति क्यों बनवाई और सर्वोच्च अदालत के पास क्यों गए। कहीं ऐसा तो नहीं की 2024 लोकसभा चुनाव से पहले मोदी विरोधी पहलवानों की आड़ में सरकार को बदनाम करने की कोई साज़िश रच रहे हों। सवाल इसलिए उठते हैं क्योंकि पहलवानों की मांगें लगातार बदल रही हैं और इस आंदोलन में अब राजनीतिक दलों के साथ-साश किसानों का भी आह्वाहन किया गया है।