Thursday, November 21, 2024
Homeधर्मस्वर्ग के रास्ते में पांच पांडवों में से कौन, कब और किस...

स्वर्ग के रास्ते में पांच पांडवों में से कौन, कब और किस पाप से गिरा, जानिए

  • पांच पांडवों के स्वर्ग जाने की पूरी कहानी
  • अर्जुन और भीम अहंकार में हुए मृत्यु को प्राप्त
  • द्रौपदी को अर्जुन से अधिक प्रेम का मिला दंड

महाभारत के युद्ध की समाप्ति के बाद पांडवों ने अपना राजपाट परीक्षित को सौंप दिया और द्रौपदी को साथ लेकर स्वर्ग की यात्रा पर निकल गए। स्वर्ग की यात्रा की कठिन थी, लेकिन, पांडव चाहते थे कि वो सशरीर स्वर्ग तक पहुंचे। हालांकि, रास्ते में कुछ ऐसा होता चला गया कि एक-एक कर पांडव नीचे गिर गए यानि मृत्यु को प्राप्त हो गए।

बद्रीनाथ धाम से आगे बढ़ने पर पांडवों के साथ क्या हुआ ?

स्वर्ग की यात्रा के दौरान पांडव बद्रीनाथ धाम पहुंचे और वहां से आगे बढ़े। लेकिन, सरस्वती नदी के उद्गम स्थल पर द्रौपदी को लगा कि वो इसे पार नहीं कर पाएंगे। जिसके बाद भीम ने एक बड़ी सी चट्टान उठाई और बीच नदी में डाल दिया। वर्तमान में उत्तराखंड के माणा गांव में आज भी सरस्वती नदी में इस चट्टान को देखा जा सकता है, जिसे भीम पुल भी कहा जाता है। द्रौपदी ने सरस्वती नदी को पार तो कर लिया, लेकिन, कुछ दूर आगे जाने के बाद ही वो गिर गईं और मृत्यु को प्राप्त हो गईं। इसपर भीम ने युधिष्ठिर से पूछा कि द्रौपदी ने तो कभी कोई पाप नहीं किया, फिर नो नीचे क्यों गिरी? युधिष्ठिर ने जवाब दिया कि, ‘द्रोपदी हम सबमें अर्जुन को ज़्यादा प्रेम करती थीं, इसलिए वो गिर गईं।’ इसके बाद पांडव आगे बढ़ गए। लेकिन, थोड़ी देर बाद ही सहदेव भी गिर पड़े। भीम ने पूछा कि सहदेन क्यों गिरा? युधिष्ठिर ने कहा कि सहदेव खुद को सबसे ज़्यादा विद्वान समझता था, इसलिए गिर पड़ा। कुछ दूर चलने पर नकुल भी गिर पड़े। भीम ने फिर सवाल किया, तो युधिष्ठिर बोले कि नकुल को अपने रूप का अभिमान था इसलिए वो गिर गया। इसके बाद अर्जुन भी गिर गए, जिसपर युधिष्ठिर ने कहा कि अर्जुन ने कहा था कि वो एक दिन में ही शत्रुओं का नाश कर देगा, लेकिन, वो ऐसा कर नहीं सका। उसे अपने पराक्रम पर घमंड हो गया था, इसलिए गिर पड़ा। अब बचे युधिष्ठिर और भीम। दोनों आगे बढ़े कि तभी भीम भी गिर पड़े। भीम ने गिरते समय युधिष्ठिर से पूछा की उनके साथ ऐसा क्यों हुआ, तो युधिष्ठिर ने कहा कि तुम अपनी शक्ति का झूठा प्रदर्शन करते थे, इसलिए तुम्हें भूमि पर गिरना पड़ा।

स्वर्ग की यात्रा में इकलौते बचे युधिष्ठिर के साथ क्या हुआ ?

महाभारत के अनुसार पांडवों के साथ एक कुत्ता भी स्वर्ग की यात्रा पर चल रहा था। भीम के गिरने के बाद ये कुत्ता और युधिष्ठिर ही बचे और इंद्रादि के द्वार पर पहुंचे, जहां खुद देवराज इंद्र अपना रथ लेकर पहुंचे थे। युधिष्ठिर ने इंद्र से कहा कि कुछ ऐसी व्यवस्था करें कि द्रौपदी और उनके भाई भी सशरीर स्वर्ग चले आएं। इसपर इंद्र ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि वो पहले ही मृत्यु को प्राप्त कर स्वर्ग लोग पधार चुके हैं। इसके बाद इंद्र से युधिष्ठिर ने कहा कि वो उनके साथ चल रहे कुत्ते को भी ले जाना चाहते हैं। लेकिन, वो कुत्ता नहीं बल्कि यमराज थे, जो युधिष्ठिर के सामने अपने असली स्वरूप में प्रकट हो गए। यमराज युधिष्ठिर से बेहद खुश नज़र आए कि उन्होंने अपना धर्म निभाया। जिसके बाद इंद्रदेव और युधिष्ठिर रथ में बैठकर स्वर्ग की ओर प्रस्थान कर गए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Posts

Most Popular