भारत ने चटगांव टेस्ट में बांग्लादेश को धूल चटाकर दो मैचों की सीरीज़ में 1-0 की बढ़त ले ली। भारत के मैच के आखिरी दिन जीत के लिए 4 विकेट चाहिए थे। चौथे दिन क्रीज पर मेहिदी हसन और कप्तान शाकिब-अल-हसन मौजूद थे। शाकिब अल हसन ने संघर्ष करते हुए 84 रन की पारी खेली। वो कुलदीप यादव का शिकार बने। इसके बाद कोई भी बल्लेबाज ज्यादा देर तक भारतीय गेंदबाजों का सामना नहीं कर सका और भारत ने 188 रन से मैच अपने नाम कर लिया। पूरी की पूरी बांग्लादेशी टीम 324 रन बनाकर पवेलियन लौट गई। दूसरी पारी में अक्षर पटेल ने सबसे ज़्यादा 4 विकेट लिए, जबकि कुलदीप यादव ने भी तीन विकेट चटकाए। पहली पारी में 40 रन और दोनों पारियों में कुल मिलाकर 8 विकेट लेने वाले बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ कुलदीप यादव को प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड दिया गया।
WTC के पॉइंट्स टेबल में भारत नंबर-2 टीम
बांग्लादेश को हराने की वजह से टीम इंडिया वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के पॉइंट्स टेबल में टॉप-2 में आ गई है। अगर भारत ये जगह बरकरार रखने में सफल होता है तो उसका फाइनल खेलना पक्का हो जाएगा। पॉइंट्स टेबल में 120 अंकों के साथ ऑस्ट्रेलिया टॉप पर है। जबकि 87 पॉइंट्स के साथ भारत दूसरी नंबर है। तीसरे नंबर पर साउथ अफ्रीका है जिसके 72 अंक हैं।
युवा खिलाड़ियों ने भारत को दिलाई जीत
भारत ने बांग्लादेश के पहले टेस्ट मैच में हराकर क्रिकेट फैंस को मुस्कुराने की एक वजह दी और टेस्ट चैंपियनशिप में खेलने की उम्मीदों को ज़िंदा रखा। लेकिन, ये जीत सिर्फ इसलिए खास नहीं क्योंकि वनडे सीरीज़ में मिली हार के बाद इसकी दरकार थी, बल्कि ये भारत की ये जीत इसलिए खास है क्योंकि इसमें युवा खिलाड़ियों ने अपने हुनर का परिचय दिया। उन युवा खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया जो पिछले कई साल से टीम में अंदर-बाहर होते रहे हैं।
- 28 साल के कुलदीप यादव इससे पहले 13 फरवरी 2021 को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच खेले थे।
- 28 साल के ही श्रेयस अय्यर को तो अबतक सिर्फ 6 टेस्ट मैचों में ही खेलने की मौका मिला है, जिसमें वो करीब 51 की औसत से 508 रन बना चुके हैं।
- 23 साल के शुभमन गिल को दिसंबर 2020 में पहली बार टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला। 12 टेस्ट मैचों में से 6 मैच शुभमन गिल विदेशी सरजमीं पर खेल चुके हैं। लेकिन, उन्हें कई दफा टीम से ड्रॉप भी किया गया है।
ऐसे में सवाल ये है कि अगर टीम इंडिया को टेस्ट चैंपियनशिप खेलनी है तो एक सुदृढ़ टीम बनाने होगी। अनुभवी खिलाड़ियों के साथ युवा खिलाड़ियों को भी लगातार मौके देते रहने होंगे। बेंच स्ट्रेंथ मज़बूत करने के चक्कर में भद कैसे पीटती है ये हम टी-20 वर्ल्ड कप में पहले ही देख चुके हैं।