बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह (Anand Mohan Singh)की रिहाई को लेकर घमासान शुरू हो गया है। बीजेपी और बसपा ने नीतीश सरकार (Nitish government) की नीति और नीयत दोनों पर सवाल खड़े किए हैं। दरअसल नीतीश सरकार ने हाल ही में बिहार जेल नियमावली 2012 में एक संशोधन (Amendment in Bihar Jail Rules 2012) किया है। जिसमें सरकारी कर्मचारी के हत्यारे कैटिगरी (killer category) को हटा दिया है। राज्य के गृह विभाग ने 10 अप्रैल को इसे लेकर एक नोटिफिकेशन (Notification) जारी किया था। जिसके बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर भी मुहर लग गई है।
![](https://indianviewer.com/wp-content/uploads/2023/04/anand_mohan_bihar-1024x576.jpg)
मायावती ने नीतीश सरकार को बताया दलित विरोधी
बीएसपी अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने नीतीश सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है। मायावती ने ट्वीट कर फैसले की निंदा की और इस कदम को दलित विरोधी (Anti Dalit) बताया।
![](https://indianviewer.com/wp-content/uploads/2023/04/Amit-Malviya-1024x597.webp)
बीजेपी ने RJD के आगे घुटने टेकने का कसा तंज
बीजेपी ने भी आनंद मोहन की रिहाई को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा। बीजेपी के मीडिया प्रभारी अमित मालवीय (Amit Malviya) ने ट्वीट कर कहा कि नीतीश कुमार ने आरजेडी के कुटिल इरादों के आगे घुटने टेक दिए। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने बिहार जेल नियमावली, 2012 में संशोधन करके “ड्यूटी पर सरकारी कर्मचारी के हत्यारे” श्रेणी के कैदियों को गुप्त रूप से हटा दिया था, जिससे डॉन RJD नेता आनंद मोहन की रिहाई का मार्ग प्रशस्त हो गया, जो दलित आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। सत्ता पर काबिज होने के लिए आपराधिक सिंडिकेट का सहारा लेने वाले क्या विपक्षी नेता के रूप में भी भारत का चेहरा हो सकते हैं? ममता बनर्जी से लेकर नीतीश कुमार, केजरीवाल से लेकर केसीआर तक, इन विपक्ष के नेताओं के लिए भ्रष्टाचार और अपराध अपने सिकुड़ते राजनीतिक मैदान को बचाने की कोशिश के लिए एक गोंद की तरह है”।
पूर्व सांसद आनंद मोहन को हुई थी उम्र कैद
पूर्व सांसद आनंद मोहन का नाम गोपालगंज के जिलाधिकारी जी. कृष्णैया (District Magistrate G. Krishnaiah) की हत्या के मामले में आया था। इस मामले में पटना उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2008 में पूर्व सांसद आनंद मोहन को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। मगर नीतीश सरकार के कारा नियमों में बदलाव करने से आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। इस नियम के लागू होने से बाहुबली नेता आनंद मोहन समेत 27 अन्य कैदी जेल से रिहा होंगे।
![](https://indianviewer.com/wp-content/uploads/2023/04/anand-mohan-69-1024x576.jpg)
पुराने रंग में दिखे बाहुबली आनंद मोहन
बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह अभी अपने बेटे चेतन आनंद की शादी के लिए 15 दिन की पैरोल पर हैं। इस दौरान आनंद मोहन से रिहाई और मायावती की नाराजगी को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘कौन मायावती, हम नहीं जानते हैं मायावती को। हमने पहले ही कहा कलावती को सुने थे, सत्यनारायण भगवान की पूजा में बराबर कलावती और किसका-किसका नाम आता हैं। मायावती, क्या बोली, वो तो नहीं जानें, उस बात का वक्त भी नहीं हैं अभी’।