आखिरकार हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा (HAM) ने महागठबंधन से अलग होने का फैसला कर ही लिया। HAM के अध्यक्ष संतोष सुमन (Santosh Suman) ने ऐलान किया कि वो महागठबंधन का साथ छोड़ रहे हैं। यही नहीं उन्होंने नीतीश सरकार (Nitish Government) से समर्थन वापसी से संबंधित पत्र बिहार के गवर्नर को भेज दिया। संतोष सुमन ने कहा कि उन्होंने गवर्नर (Governor of Bihar) से मिलने का समय मांगा है।
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बिहार (Bihar) की राजनीति में ये बड़ा बदलाव है। पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) गठबंधन सरकार से अलग हो गई है। खबरों की मानें तो मांझी और उनके बेटे संतोष सुमन दिल्ली के लिए रवाना होंगे और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से मुलाकात करेंगे।
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संतोष सुमन ने आरोप लगाया था कि नीतीश सरकार आम आदमी के हितों के खिलाफ काम कर रही है। वहीं, नीतीश ने कहा था कि मांझी 23 जून को पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होना चाहते हैं। हालांकि,नीतीश को डर था कि मांझी इस मुलाकात की जानकारी बीजेपी को लीक कर सकते है। नीतीश ने ये भी दावा किया था कि मांझी लगातार बीजेपी (BJP) नेताओं के संपर्क में थे और उनसे मुलाकात कर रहे थे।
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बिहार विधानसभा में जीतनराम मांझी की पार्टी के चार विधायक हैं। पिछले साल नीतीश कुमार द्वारा बीजेपी को धोखा देने के बाद ये सभी विधायक महागठबंधन में शामिल हो गए थे। 243 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी गठबंधन के करीब 160 विधायक हैं। इसमें JDU, RJD और कांग्रेस के अलावा तीन वामपंथी दल शामिल हैं, जो सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे हैं।